भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक लोकसभा में पेश

Edited By Yaspal,Updated: 18 Jul, 2018 10:55 PM

fugitive economic criminal bill introduced in lok sabha

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के कानून के शिकंजे से बचकर देश के बाहर भागने पर उनकी संपत्ति को जब्त करने संबंधी विधेयक को चर्चा के लिए लोकसभा में प्रस्तुत किया जिसे विपक्ष ने स्थायी समिति में भेजने की मांग की।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के कानून के शिकंजे से बचकर देश के बाहर भागने पर उनकी संपत्ति को जब्त करने संबंधी विधेयक को चर्चा के लिए लोकसभा में प्रस्तुत किया जिसे विपक्ष ने स्थायी समिति में भेजने की मांग की। सरकार गत 21 अप्रैल को इस विधेयक के प्रावधानों से संबंधित अध्यादेश जारी कर चुकी है और यह विधेयक पारित होने पर उसका स्थान लेगा।

रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन अध्यादेश के खिलाफ अपना सांविधिक संकल्प पेश करते हुए कहा कि सरकार विभिन्न मामलों में अध्यादेश ला रही है जो गलत परंपरा है। सरकार तीन माह में छह अध्यादेश ला चुकी है। इसलिए इसे निरस्त किया जाना चाहिए।

गोयल ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को पेश करते हुए कहा कि बड़े आर्थिक अपराधियों में भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बचने के लिए विदेश भागने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस विधेयक को पिछले सत्र में सदन में पेश किया था जिसमें कुल 100 करोड़ रुपए अथवा अधिक के ऐसे अपराध करने वालों पर कानून के शिकंजे में लाने के लिए उनकी संपत्ति जब्त करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध पहली इस प्रकार का कठोर प्रावधान वाला विधेयक लाया गया है। उम्मीद है कि इससे लोग ना केवल अपराध करने से डरेंगे बल्कि अपराध करके फरार हुए आरोपी कानून का सामना करने के लिए लौटेंगे।

कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि कल सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी थी कि किसी भी नये विधेयक को स्थायी समिति में भेजा जाएगा लेकिन सरकार अपनी ही बात से मुकर रही है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है और अध्यादेश के स्थान पर लाये गये विधेयक को सीधे सदन में चर्चा कराके पारित कराना होता है।

खडग़े ने कहा कि सरकार की यह आदत हो गयी है कि वह अध्यादेश के माध्यम से देश चला रही है। जबकि पिछले सत्र में सदन को विपक्ष ने नहीं बल्कि सरकार को समर्थन देने वाले दल ने ही बाधित किया था। विधेयक पर आगे बहस नहीं हो सकी। शाम छह बजने पर उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।

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