Edited By vasudha,Updated: 26 Oct, 2018 03:18 PM
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायेक्टर राकेश अस्थाना के बीच का विवाद दफ्तर से निकलकर सड़क पर आ गया है...
नेशनल डेस्क (वसुधा शर्मा): देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायेक्टर राकेश अस्थाना के बीच का विवाद दफ्तर से निकलकर सड़क पर आ गया है। सरकार ने दोनों शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था, साथ ही दोनों अधिकारियों के दफ्तरों को सील भी कर दिया था। वहीं इस मामले को लेकर मोदी सरकार भी विपक्ष के निशाने पर आ गई है। जानिए क्या है सीबीआई और कैसे होती है इसके चीफ की नियुक्ति:-
क्या है सीबीआई के अधिकार
- केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है।
- इसकी स्थापना 1941 में हुई थी और अप्रैल 1963 में इसे “केंद्रीय जांच ब्यूरो” का नाम दिया गया था।
- यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है।
- दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 ने CBI को जांच की शक्तियां दी हैं।
- भारत सरकार राज्य सरकार की सहमति से राज्य में मामलों की जांच करने का आदेश CBI को देती है।
- सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय राज्य सरकार की सहमति के बिना देश के किसी भी राज्य में अपराधिक मामले की जांच के लिए CBI को आदेश दे सकते हैं।
कैसे होती है सीबीआई चीफ की नियुक्ति
- सीबीआई निदेशक की नियुक्ति एक कमिटी करती है।
- इस कमिटी में पीएम, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस या उनके द्वारा सिफारिश किया गया सुप्रीम कोर्ट का कोई जज शामिल होते हैं।
निदेशक को हटाने की प्रक्रिया
- 1997 से पहले सीबीआई निदेशक को सरकार अपनी मर्ज़ी से हटा सकती थी।
- 1997 में विनीत नारायण मामले के बाद सीबीआई निदेशक का कार्यकाल कम से कम दो साल का कर दिया गया।
- सीबीआई डायरेक्टर इंस्पेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारियों को खुद ट्रांसफर नहीं कर सकता है। सीबीआई के डायरेक्टर को हटाने के लिए पूरे मामले की जानकारी सेलेक्शन पैनल को भेजनी होती है।
- डायरेक्टर के तबादले की प्रक्रिया में सेलेक्शन कमेटी सीवीसी, गृह सचिव और सचिव (कार्मिक) का होना भी जरूरी है।
पिछले निदेशकों पर भी लग चुके हैं आरोप
- अप्रैल 2017 में सीबीआई ने पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ करप्शन का मामला दर्ज किया । उनपर आरोप लगा था कि उन्होंने पद का दुरूपयोग करते हुए कोयला घोटाले के आरोपी की मदद की।
- फरवरी 2017 में सीबीआई ने पूर्व निदेशक ऐ पी सिंह के खिलाफ करप्शन का मामला दर्ज किया। उनपर मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी से मिलकर सांठगांठ करने का आरोप लगा।
- एक आरटीआई के जवाब में सीबीआई ने माना कि उसके 26 अधिकारियों के खिलाफ करप्शन के केस चल रहे हैं।
- पिछले चार सालों में 8 करप्शन के केस में 9 अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई हुई जिसमे 4 केस में अधिकारी दोषी साबित हुए बाकि 4 केस में आरोप साबित नहीं हुआ।