Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Apr, 2018 04:27 PM
गढ़चिरौली मुठभेड़ में पुलिस ने पिछले दिनों 34 नक्सलियों को मार गिराया था जिसे एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा था। लेकिन अब इस मुठभेड़ और नक्सिलयों की मौत पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) तेलंगाना स्टेट कमिटी के...
गढ़चिरोली (महाराष्ट्र): गढ़चिरौली मुठभेड़ में पुलिस ने पिछले दिनों 34 नक्सलियों को मार गिराया था जिसे एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा था। लेकिन अब इस मुठभेड़ और नक्सिलयों की मौत पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) तेलंगाना स्टेट कमिटी के प्रवक्ता जगन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके काडर और कुछ गांववालों की हत्या करने के पहले पुलिस ने उन्हें जहर दिया था। दक्षिण गढ़चिरौली के गटेपल्ली गांव के निवासियों ने भी दावा किया कि उनके गांव के 7 लोग 21 अप्रैल से गायब है। गांववासियों का कहना है कि लापता आठ लोग शादी में शरीक होने गांव में आए थे लेकिन वे उसी दिन से लापता हैं। जगन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने नक्सलियों को मारने से पहले उन्हें खाने में जहर दिया और फिर उनका एनकाउंटर करके उन्हें मार दिया गया। जगन ने कहा कि पुलिस ने गांववालों को मारने के बाद नदी में बहा दिया और एनकाउंटर की झूठी कहानी बनाकर पेश कर दी।
मोदी के दौरे के चलते उठाया कदम
जगन ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के मद्देनजर पुलिस ने जल्दबाजी में यह कार्रवाई की। जगन ने कहा कि सिर्फ गढ़चिरोली पुलिस ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश की ग्रे हाउंड फोर्स ने भी नक्सलियों के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्या की है। वहीं जगन के लगाए आरोपों के बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से केमिकल विश्लेषण के लिए विसरा सुरक्षित रखने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि गढ़चिरौली एनकाउंटर को कई माओवादी संगठन फर्जी बता चुके हैं।