Edited By vasudha,Updated: 22 Feb, 2019 02:29 PM
पुलवामा हमला के बाद पाकिस्तान पर चौरतफा दबाव बढाते हुए मोदी सरकार ने देश के हिस्से का पानी को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू कश्मीर और पंजाब की ओर मोडऩे का फैसला किया...
नेशनल डेस्क: पुलवामा हमला के बाद पाकिस्तान पर चौरतफा दबाव बढाते हुए मोदी सरकार ने देश के हिस्से का पानी को रोकने और पूर्वी नदियों की धारा जम्मू कश्मीर और पंजाब की ओर मोडऩे का फैसला किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने पर रोक नहीं लगाता है तो उसके हिस्से का पानी भी रोका जा सकता है।
गडकरी ने कहा कि पाकिस्तान को पानी न दिए जाने का निर्णय केवल उनके विभाग का नहीं है। इस पर फैसला सरकार और प्रधानमंत्री के स्तर पर लिया जाएगा। विभाग को निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तान का जो इनके अधिकार क्षेत्र में पानी जा रहा था वो कहां-कहां रोका जा सकता है, इसका डिजाइन बनाकर दें। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान का व्यवहार इसी तरह का रहता है तो उनके साथ मानवता के आधार पर व्यवहार करने की जरूरत नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेहरू और अयूब खान के बीच में सिंधु जल समझौता हुआ है। इस समझौते के अनुसार, रावि, ब्यास और सतलुज का पानी भारत को मिलेगा इसके साथ अन्य भारत से निकलने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान को जाएगा। जिन तीन नदियों का पानी भारत को मिलता है उसमें भारत का हिस्सा 33 मिलियन एमएफ था, उसमें से हमने अब तक 31 एमएफ यूज किया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे अधिकार का पानी है जो हमने रोका है, पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध जो है ठीक नहीं है। इस पानी का इस्तेमाल राजस्थान और पंजाब जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा।
बता दें कि गडकरी ने वीरवार को ट्वीट कर बताया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले ‘हमारे हिस्से के पानी’ को रोकने का निर्णय किया है। हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिर्वितत करेंगे और जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को पहुंचायेंगे।