लोकसभा में बोले गडकरी, अच्छी सड़कें चाहिए तो जिंदगी भर चुकाना होगा 'टोल'

Edited By Yaspal,Updated: 16 Jul, 2019 06:58 PM

gadkari speaks in the lok sabha and wants to have good roads

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि जनता को अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि टोल जिंदगी भर बंद नहीं हो सकता। टोल की राशि कम ज्यादा हो सकती है। गडकरी...

नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि जनता को अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि टोल जिंदगी भर बंद नहीं हो सकता। टोल की राशि कम ज्यादा हो सकती है। गडकरी ने आगे कहा कि टोल का जन्मदाता मैं हूं।

नितिन गडकरी मंगलवार को लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए धनराशि की मांगों को लेकर सवालों का जवाब दे रहे थे। गडकरी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर आपको अच्छी सेवाएं चाहिए तो उसकी कीमत अदा करनी पड़ेगी क्योंकि सरकार के पास पर्याप्त धनराशि नहीं है। 
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दिल्ली से मुंबई तक सफर 12 घंटे में संभव हो पाएगा
सड़क परिवहन मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस ग्रीन हाइवे के 60 प्रतिशत ठेके आवंटित किए जा चुके हैं, इसलिए ढाई से तीन साल के बाद 12 घंटों में दिल्ली से मुंबई जाना संभव हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई मार्ग गुड़गांव से शुरू होकर सवाई माधोपुर, अलवर, रतलाम, झाबुआ, वड़ोदरा होते हुए मुंबई जाएगा। इससे दोनों महानगरों की दूरी 120 किलोमीटर कम हो जाएगी।

पिछले पांच साल में दिए गए 17 लाख करोड़ के ठेके
गडकरी ने कहा कि सिर्फ उनके मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में जीडीपी में पौने तीन प्रतिशत का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में सड़क, पोत परिवहन और जल संसाधन के क्षेत्रों में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के ठेके दिए गए। इनमें से 11 लाख करोड़ रुपये के काम सड़क क्षेत्र में, छह लाख करोड़ रुपये के काम पोत परिवहन और एक लाख करोड़ रुपये के काम जल संसाधन क्षेत्र में हुए।
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संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल की तुलना में ज्यादा काम हुआ
मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में करीब 40 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ और वैश्विक स्तर के हाइवे नेटवर्क तैयार करने पर 4 लाख 31 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए। यह संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल के पांच वर्षों की तुलना में ज्यादा है। गडकरी ने कहा, ‘‘ इतने काम हो रहे हैं और एक भी रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं सदन को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जो प्राथमिकता तय की थी उसके बहुत अच्छे नतीजे आए हैं।''

जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी समस्या
मंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की कुछ समस्या है। ‘‘कई सांसदों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि 80 फीसदी भूमि का अधिग्रहण होने तक हम सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं करते हैं।'' उन्होंने कहा कि साल 2014 से पहले से रुकी 400 से अधिक परियोजनाओं की 95 फीसदी समस्याएं दूर की जा चुकी हैं। इससे बैंकों का तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) होने से बचाया गया।
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सड़क दुर्घटना चिंता का विषय
सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं के बारे में सदस्यों की चिंताओं पर गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में हर साल देश में डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। इनमें से आधे लोगों की मौत के लिये रोड, इसका डीपीआर और रोड इंजीनियरिंग जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि देशभर में 786 ब्लॉक स्पॉट की पहचान और 15 हजार करोड़ रूपये की परियोजना तैयार की गई है। इसे विश्वबैंक और एशियाई विकास बैंक को दिया गया है।

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