Edited By Seema Sharma,Updated: 22 May, 2020 11:57 AM
कोरोना वायरस के चलते कुछ समय के लिए गगनयान मिशन को रोक दिया गया था लेकिन अब यह फिर से शुरू हो गया है। रूस में भारतीय एयरफोर्स के चार पायलटों की ट्रेनिंग फिर से शुरू हो गई है। इंडियन एयरफोर्स पायलट मॉस्को गए थे और इनकी ट्रेनिंग गैगरीन रिसर्च एंड...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के चलते कुछ समय के लिए गगनयान मिशन को रोक दिया गया था लेकिन अब यह फिर से शुरू हो गया है। रूस में भारतीय एयरफोर्स के चार पायलटों की ट्रेनिंग फिर से शुरू हो गई है। इंडियन एयरफोर्स पायलट मॉस्को गए थे और इनकी ट्रेनिंग गैगरीन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (GCTC) में चल रही थी लेकिन कोरोना के कहर के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से ट्रेनिंग बंद कर दी गई थी। ट्रेनिंग 12 मई से फिर शुरू हुई है। रूस की स्पेस कंपनी ग्लवकॉसमॉस ने कहा कि भारतीय वायुसेना के पायलटों की शुरूआती ट्रेनिंग में स्पेस ट्रैवल और स्पेसक्राफ्ट पर नियंत्रण की बेसिक क्लासेज चल रही हैं, इसके अलावा पायलट बेसिक रूसी भाषा का भी अध्ययन कर रहे हैं, ताकि आगे की ट्रेनिंग में दिक्कत न हो।
ग्लवकॉसमॉस ने कहा कि भारत से आए सभी पायलट स्वस्थ और सुरक्षित हैं, उनका हम लोगों ने काफी अच्छे से ख्याल रखा है। मार्च में पायलटों को कोरोना वायरस की वजह से आइसोलेट कर दिया गया था लेकिन अब ये ठीक हैं और अपनी ट्रेनिंग कर रहे हैं। भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग करीब एक साल तक चलेगी। रूस में ट्रेनिंग खत्म होने के बाद भारत वापिस लौटने के बाद बेंगलुरू आकर भी ट्रेनिंग करनी होगी। मिशन गगनयान मिशन तहत इसरो तीन अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा कराएगा।
इन अंतरिक्षयात्रियों को सात दिन के लिए पृथ्वी की लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा। दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा लेकिन उससे पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे। ये अनमैन्ड मिशन दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में किए जाएंगे और इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव मिशन भेजा जाएगा. इस पूरे मिशन की लागत 10 हजार करोड़ रुपए है।