Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Sep, 2019 06:49 AM
भाद्रपद के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से शुरु हुई महालक्ष्मी की पूजा आज आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर समाप्त होगी। आज हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार
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भाद्रपद के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से शुरु हुई महालक्ष्मी की पूजा आज आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर समाप्त होगी। आज हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध पक्ष में सभी शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। यहां तक की कोई नई वस्तु भी नहीं खरीदी जाती। 15 दिन के इस दौर में अष्टमी का दिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पर महालक्ष्मी की स्वामित्व स्थापित है। अत: इस रोज़ खरीदारी करना बहुत शुभ रहता है विशेषकर सोना खरीदने का तो बहुत अधिक महत्व है। कहते हैं इस दिन खरीदा गया सोना आठ गुना बढ़ जाता है। विवाह आदि शुभ कामों की शापिंग के लिए तो ये दिन बहुत उपयुक्त है।
शास्त्रों के अनुसार गजलक्ष्मी पूजन के दिन किया गया कोई भी काम शुरु करना शुभ होता है क्योंकि इस दिन देवता धरती पर विराजमान होते हैं। सोने-चांदी की खरीद, जमीन-जायदाद संबंधित कार्य तथा शुभकार्य किए जा सकते हैं।
इसके अलावा विवाह के लिए कपड़े खरीद सकते हैं।
रिश्ते की बात चलाई जा सकती है तथा लड़का-लड़की को देखने भी जाया जा सकता है।
जमीन-जायदाद को खरीदने-बेचने संबंधित बात चलाई जा सकती है। प्रॉपर्टी को देखा जा सकता है।
देव पूजन किया जा सकता है।
किसी भी धातु से बना सामान खरीद सकते हैं।
इलैक्ट्रॉनिक्स का सामान खरीदा जा सकता है।
पुरुष बाल और दाड़ी बनवा सकते हैं और महिलाएं ब्यूटी पार्लर जा सकती हैं।
शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त- 11:50 ए.एम से 12:38 पी.एम
अमृत काल- 08:02 ए.एम से 09:43 ए.एम
अमृत काल- 02:50 ए.एम