Edited By vasudha,Updated: 06 Apr, 2020 10:05 AM
प्रधानमंत्री के ‘नौ बजे नौ मिनट'' के आह्वान का पालन करते हुए रविवार को लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए। जहां कुछ लोगों ने दीये के साथ अपनी तस्वीरें सोशल साझा की तो वहीं कुछ लोग पटाखे जलाते भी दिखाई दी, जिसकी खूब आलोचना हो रही है...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री के ‘नौ बजे नौ मिनट' के आह्वान का पालन करते हुए रविवार को लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए। जहां कुछ लोगों ने दीये के साथ अपनी तस्वीरें सोशल साझा की तो वहीं कुछ लोग पटाखे जलाते भी दिखाई दी, जिसकी खूब आलोचना हो रही है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भाजपा नेता गौतम गंभीर ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जंग के बीच ऐसी हरकत ठीक नहीं है।
गौतम गंभीर ने ट्वीट कर हुए लिखा, भारत.... अंदर रहिए! हम अभी लड़ाई के बीच में हैं। यह पटाखे जलाने का मौका नहीं है। वहीं सोशल मीडिया पर भी पटाखे जलाने का पर नाराजगी जताते हुए कई लोगों ने अपने विचार रखे। रात नौ बजते ही पटाखे फोड़ने और नारे लगाने वाले लोगों की वीडियो क्लिप और तस्वीरे साझा करते हुए यूजर्स ने कहा कि “कोरोना वायरस के देश में आगमन की खुशी मनाते हुए देशवासी। बहुत अच्छे।
दिव्यांगों के अधिकार के लिए काम करने वाले निपुण मल्होत्रा ने लोगों से पटाखे न फोड़ने का आग्रह करते हुए याद दिलाया कि यह कोई खुशी का मौका नहीं है।दीया जलाओ। एकजुट रहो। लेकिन पटाखे? सच में? यह कोई पार्टी नहीं है! बता दें कि कोरोना वायरस संकट से निपटने में राष्ट्र के ‘‘सामूहिक संकल्प एवं एकजुटता'' को प्रदर्शित करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘रविवार रात नौ बजे नौ मिनट तक' करोड़ों देशवासियों ने अपने घरों की बत्तियां बुझा दीं और दीये, मोमबत्ती तथा मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केन्छ्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित अनेक केन्द्रीय मंत्रियों और तमाम फिल्मी हस्तियों ने दीप जलाकर इस अभियान के प्रति अपनी एकजुटता प्रकट की।ज्यादातर घरों में बत्तियां बुझा दी गईं और लोगों ने बालकनी में खड़े होकर मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई। कइयों ने दीये और मोमबत्ती भी जलाये। उस दौरान आतिशबाजी, थाली बजाने की आवाज, सीटी और पुलिस वाहन की सायरन भी सुनाई दी।