Edited By Monika Jamwal,Updated: 30 Apr, 2020 05:41 PM
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गुजहामा इलाके की परवीन को 11 अप्रैल को उनके ससुर अब्दुल वहाब और उनकी सास मिसरा के साथ कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया गया।
श्रीनगर (अरीज): मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गुजहामा इलाके की परवीन को 11 अप्रैल को उनके ससुर अब्दुल वहाब और उनकी सास मिसरा के साथ कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया गया। वे तीनों अपने एक पड़ोसी के संपर्क में आए थे जिसे कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया गया था। परवीन और उसके सास-ससुर को जिला अस्पताल गांदरबल में भर्ती करवाया गया था। जिला अस्पताल गांदरबल में आइसोलेशन के दौरान परवीन और उसके सास-ससुर पूरी तरह से ठीक हो गए और उन्हें 27 अप्रैल को घर जाने दिया गया। पंजाब केसरी संवाददाता ने परवीन के साथ फ ोन पर बात की और उनसे पूछा कि उन्होंने घातक कोरोना वायरस से लड़ाई कैसे जीती। परवीन (38) का कहना था कि मैं पहले बहुत डरी हुई थी। जब मुझे कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया गया तो मुझे लगा जैसे मेरी जिंदगी रुक गई है। मेरा सबसे बड़ा डर यह था कि मैं अपने बच्चों को फि र कभी नहीं देख पाऊंगी। हालांकि, जब मुझे जिला अस्पताल गांदरबल ले जाया गया तो डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों ने मुझे आशा दी। जिला अस्पताल गांदरबल के डॉक्टर बहुत अच्छे हैं।
परवीन ने कहा कि डॉक्टर हर रोज 4 बार उनकी चिकित्सा जांच करते थे। उनके प्रति डॉक्टरों का व्यवहार बहुत अच्छा था। उन्होंने कहा कि जब किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस पॉजीटिव पाया जाता है, तब उसके अपने परिवार के सदस्य और रिश्तेदार उसका साथ छोड़ देते हैं, परंतु जिला अस्पताल गांदरबल के डॉक्टरों ने बिना अपनी जान की परवाह किए हमारी देखभाल की। परवीन ने कहा कि भले ही कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है, परंतु डॉक्टरों ने उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए उन्हें दवाइयां और विटामिन की गोलियां दीं।
उनका कहना था कि मैं अस्पताल प्रशासन की भी शुक्रगुजार हंू, जिसने हमें किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी गई। उन्होंने बताया कि जब भी हमने भोजन मांगा उन्होंने कभी न नहीं कहा। हमने जो भी भोजन मांगा हमें दिया गया। हमें लगा जैसे हम घर पर थे। इस अवसर पर परवीन ने उपायुक्त गांदरबल शफ कत इकबाल के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जिला अस्पताल गांदरबल में कोरोना वायरस के रोगियों को सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि वह सभी लोगों को घर पर रहने और प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह देती हैं। परवीन ने कहा कि ये सच्च है कि यह इतिहास का एकमात्र युद्ध है जिसे घर में रहकर जीता जा सकता है।
वहीं परवीन और उसके सास-ससुर अब घरेलू संगरोध में हैं। उन्होंने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उन्होंने और उनके सास-ससुर ने कोरोना वायरस को हरा दिया है। उन्होंने कहा कि वह प्रार्थना करती हैं कि कश्मीर घाटी के सभी कोरोना वायरस रोगी इस लड़ाई में जीत जाएं और प्रार्थना करती हैं कि कोरोना वायरस दुनिया से जल्द ही दूर हो जाए।