गांधी शांति पुरस्कार: बांग्लादेश बोला- अब भारत के साथ संबंध होंगे और गहरे

Edited By vasudha,Updated: 25 Mar, 2021 11:34 AM

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बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा पर भारत का आभार व्यक्त करते हुए बांग्लादेश ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सदैव गहरे रहे संबंधों का ‘‘उचित सम्मान'''' है। भारत के संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2020 का...

इंटरनेशनल डेस्क: बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा पर भारत का आभार व्यक्त करते हुए बांग्लादेश ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सदैव गहरे रहे संबंधों का ‘‘उचित सम्मान'' है। भारत के संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार बांग्लादेश के राष्ट्रपिता एवं प्रथम राष्ट्रपति रहमान को देने की सोमवार को घोषणा की थी।

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बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत गांधी शांति पुरस्कार देने के भारत सरकार के निर्णय पर गहरा आभार व्यक्त करते हैं। इसने कहा कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार बांग्लादेश और इसके लोगों के लिए सम्मान की बात है। मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस पर इस सम्मान का ‘‘काफी महत्व'' है। इसने कहा, ‘‘पुरस्कार भारत-बांग्लादेश के बीच हमेशा गहरे रहे संबंधों के लिए ऐसे समय एक उचित सम्मान है जब दोनों देश बांग्लादेश की स्वतंत्रता और कूटनीतिक संबंधों की स्वर्ण जयंती तथा बंगबंधु का जन्मशती वर्ष मना रहे हैं।

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दरअसल संस्कृति मंत्रालय ने साेमवार को ऐलान किया कि वर्ष 2020 के लिए गांधी शांति पुरस्कार ‘बंगबंधु' दिवंगत शेख मुजीबुर रहमान को प्रदान किया जायेगा। गांधी शांति पुरस्कार, वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया एक वार्षिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ से परे उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया जाता है। गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की और भारत के प्रधान न्यायाधीश एवं लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके दो पदेन सदस्य होते हैं। दो अन्य प्रतिष्ठित सदस्य - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक - भी इस जूरी का हिस्सा हैं।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस जूरी की 19 मार्च, 2021 को हुई एक बैठक में उपयुक्त विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से इस पुरस्कार के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान और ओमान के लंबे समय तक शासक रहे सुल्तान काबूस को चुने जाने का निर्णय लिया गया। मोदी ने कहा कि बंगबंधु मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के हिमायती थे, और वह भारतीयों के लिए एक नायक भी थे। उन्होंने यह भी कहा कि बंगबंधु की प्रेरणा ने दोनों देशों की विरासत को अधिक व्यापक और गहन बनाया है, और बंगबंधु द्वारा दिखाए गए मार्ग ने पिछले एक दशक में दोनों देशों की साझेदारी, प्रगति और समृद्धि की मजबूत नींव रखी है।

 

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