Edited By Anil dev,Updated: 15 Dec, 2018 02:23 PM
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से जब न्यूज18 की विशेष बातचीत में पूछा गया कि क्या महिलाएं अभी सीमा पर जंग के लिए भेजे जाने के लिए तैयार हैं तो उन्होंने इस पर कहा कि महिलाएं अभी सीमा पर जंग के लिए भेजे जाने के लिए तैयार नहीं हैं।
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से जब न्यूज18 की विशेष बातचीत में पूछा गया कि क्या महिलाएं अभी सीमा पर जंग के लिए भेजे जाने के लिए तैयार हैं तो उन्होंने इस पर कहा कि महिलाएं अभी सीमा पर जंग के लिए भेजे जाने के लिए तैयार नहीं हैं।
रावत ने कहा कि महिलाओं के कंधों पर बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी होती है और वह फ्रंटलाइन में कपड़े चेंज करने में असहज महसूस कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाएं हमेशा साथी जवानों पर ताक-झांक का आरोप लगाएंगी। इसके साथ सेना प्रमुख ने कहा कि साथ ही रावत ने मेटर्निटी अवकाश में महिलाओं को 6 महीने की छुट्टी लेनी पड़ती है और सेना कमांडिंग ऑफिसर 6 महीने तक अपनी इकाई नहीं छोड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी छुट्टी से कई तरह के विवाद खड़े होने का खतरा है।
वहीं इससे पहले बिपिन रावत ने कहा था कि भारतीय सेना को नौकरी प्रदाता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि नौकरी करनी है तो रेलवे में जाएं या फिर अपनी बिजनेस खोल लें लेकिन सेना को उस नजरिए से मत देखें। साथ ही जनरल रावत ने बीमारी या दिव्यांगता का बहाना कर ड्यूटी से बचने या लाभ प्राप्त करने वाले जवानों को चेतावनी भी दी थी। जनरल रावत ने कहा था, 'जो लोग तनाव का सामना नहीं कर सकते और ऑपरेशनल ड्यूटी से बचने और अतिरिक्त पैसा कमाने के लिए विकलांगता, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाइपरटेंशन का बहाना बनाते हैं, उनके खिलाफ जल्द आर्मी हेडक्वाटर कार्रवाई करेगा।