Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Sep, 2018 09:26 AM
मोदी सरकार लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कई कदम उठाने पर विचार कर रही है। उनमें से एक डाक्टरों और यहां तक कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाना भी शामिल है। इस संबंधी एक प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है
नेशनल डेस्कः मोदी सरकार लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कई कदम उठाने पर विचार कर रही है। उनमें से एक डाक्टरों और यहां तक कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाना भी शामिल है। इस संबंधी एक प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है जिसमें डाक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु मौजूदा 65 वर्ष की बजाय 70 वर्ष करने का विचार है। देश में डाक्टरों की भारी कमी है और वास्तविकता यह है कि 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत हैल्थ योजना के तहत लाया जाएगा जिसके लिए बड़े पैमाने पर डाक्टरों की जरूरत होगी। मंत्रालय का प्रस्ताव पी.एम.ओ. के विचाराधीन भी है। इसका कुछ अन्य पेशेवर सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा।
एक अन्य प्रस्ताव यह है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु कुछ शर्तों के साथ 62 वर्ष तक बढ़ाई जाए। मध्य प्रदेश सरकार एक नई मुसीबत में फंस गई है जहां उसने अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष कर दी है। वास्तव में कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा ने अनौपचारिक रूप से कुछ प्रमुख नौकरशाहों को बता दिया था कि इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। कुछ को तो आशा थी कि मोदी लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है कि उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय की जजों की सेवानिवृत्ति आयु भी बढ़ाई जाए मगर अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। कुछ भी हो, पहले डाक्टरों को तोहफा दिया जा सकता है और उसके बाद दूसरों की बारी आएगी।