नापाक पाक ने इस लडक़ी से छीन ली सारी दुनिया...

Edited By ,Updated: 24 Nov, 2016 04:42 PM

girl lost her eyesight in pak firing

सीमावर्ती गांव सुचेतगढ़ की 14 बर्षीय लडक़ी साक्षी चौधरी के लिए पिछले माह हुई पाकिस्तानी गोलाबारी उसके लिए काला दिन बन कर रह गई है।

जम्मू/आरएसपुरा (मुकेश राना):सीमावर्ती गांव सुचेतगढ़ की 14 बर्षीय लडक़ी साक्षी चौधरी के लिए पिछले माह हुई पाकिस्तानी गोलाबारी उसके लिए काला दिन बन कर रह गई है। जिस आंगन में साक्षी अपने बहनों और भाईयों के साथ खेला करती थी आज उसी घर के एक कोने में खामोश होकर बैठी रहती है । कभी-कभी वह उस मनहूस दिन को याद करके रोने भी लगती है। नापाक पाक ने उसकी दुनिया काली कर दी है। पाक गोलीबारी में साक्षी की आंखों की रोशनी चली गई है।

साक्षी के मुताबिक अस्पताल में तमाम मंत्रियों ने आकर उसका हालचाल पुछा और चले गए मगर किसी ने उसके ईलाज के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उनका कहना है कि रैडक्रास की तरफ से सिर्फ 5 हजार रु पये दिए गए हैं। वहीं आख की रोशनी चली जाने के बाद साक्षी के माता-पिता को अपनी बेटी के भविष्य की चिंता सता रही है। बेशक सरकार की तरफ से पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल लोगों को बेहतर चिक्तिसा सुविधाएं देने के दावे किए जाते हों मगर साक्षी के मामले में देखा जाए तो आज भी वह बेहतर ईलाज के लिए दरबदर हो रही है और उसकी कोई नहीं सुनवाई नहीं हो रही।

25 नवम्बर शाम के बारे में साक्षी की दादी रत्नो देवी ने बताया कि उस शाम को साक्षी अपने मां के साथ बरामदे में बैठी थी कि इतने में पाकिस्तानी मोर्टार शैल उनके आंगन में आकर गिरा। इससे परिवार की छह महिलाएं बुरी तरह से जख्मी हो गई जिसमें साक्षी भी शमिल थी। परिजनों के अनुसार शैल का एक छर्रा साक्षी की दाईं आंख पर आकर लगा, जिस कारण वह देख नहीं सकती है। करीब एक माह तक गार्वनमैंट मेडिकल कालेज जम्मू में भर्ती रहने के बाद भी साक्षी की आंख की रोशनी वापिस नहीं आ सकी। परिजनों का कहना है कि गरीबी के कारण वह अपने बेटी का ईलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं । ऐसे में सरकार चाहे तो उनकी मदद कर सकती है। उन्होंने साक्षी को किसी बड़े हस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की है।


क्या कहती है साक्षी
साक्षी चौधरी के अनुसार आंख में रोशनी चले जाने के कारण उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। उसकी सारी रंगीन दुनिया एकदम से काली हो गई है। वह स्कूल तो जाती है मगर पढ़ाई ठीक तरीके से नहीं कर पा रही। उसने बताया कि वह अपना सलेबस तक पूरा नहीं कर सकी है। मैं अपने हर काम के लिए मां पर निर्भर हो गई हूं। मेरे दोस्त मुझसे मिलने आते हैं तो मुझे ऐसा लगता है कि वो मुझपर रहम खा रहे हैं। जिन्दगी खत्म होती जा रही है।

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!