Edited By Anil dev,Updated: 27 Mar, 2019 08:25 AM
गोवा में मंगलवार को आधी रात तक चले ''पॉलिटिकल ड्रामे के बाद बड़ा उलटफेर हुआ। यहां आधी रात महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमपीजी) टूट गई। इसके 2 विधायकों मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर ने गोवा विधानसभा के स्पीकर को पत्र सौंपकर महाराष्ट्रवादी गोमांतक...
नई दिल्ली: गोवा में मंगलवार को आधी रात तक चले 'पॉलिटिकल ड्रामे के बाद बड़ा उलटफेर हुआ। यहां आधी रात महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमपीजी) टूट गई। इसके 2 विधायकों मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर ने गोवा विधानसभा के स्पीकर को पत्र सौंपकर महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का बीजेपी में विलय के फैसला का एलान किया।
बीजेपी में विलय करने का किया फैसला
जानकारी मुताबिक सहयोगी दल के बीजेपी में विलय होने की पटकथा लिखी जानी शुरू हुई और एक बजकर 45 मिनट पर इसे अंजाम भी दे दिया गया। आधी रात बाद महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो-तिहाई विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गए और कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय करने का फैसला किया है। हालांकि एमपीजी के तीसरे विधायक सुदीन गवलकर ने पत्र पर दस्तखत नहीं किए हैं।
पार्टी में कुल हैं तीन विधायक
पार्टी के कुल तीन विधायक हैं। दल बदल कानून के तहत अगर किसी पार्टी के दो तिहाई विधायक अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं या किसी दल में शामिल होते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होता। 36 सदस्यों वाले सदन में भाजपा के अब 14 विधायक हैं।
नए समीकरण
आधी रात बाद हुए इस घटनाक्रम से 36 सदस्यीय सदन में बीजेपी के विधायकों की संख्या 12 से बढ़कर 14 हो गई है। अब बीजेपी के विधायकों की संख्या कांग्रेस के बराबर हो गई है। एमजीपी 2012 से ही बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है।