Edited By Yaspal,Updated: 14 Jun, 2020 08:44 PM
कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने तथा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमते अगस्त 2004 के स्तर पर लाने की मांग की है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि...
नई दिल्लीः कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने तथा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमते अगस्त 2004 के स्तर पर लाने की मांग की है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि अगस्त 2004 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में 40 रुपये प्रति बैरल था जो आज इससे भी कम दर पर उपलब्ध है। सरकार पेट्रोलियम पदर्थों को बेच कर जो लाभ अर्जित कर रही है उसका फायदा उसे देश की जनता को भी देना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि अगस्त 2004 में पेट्रोल के दाम 36.81 रुपए और डीजल 24.16 रुपए प्रति लीटर था जबकि रसोई गैस का सिलेंडर 261.60 रुपय में मिलता था लेकिन अब पेट्रोल, डीजल और एलपीजी क्रमश: 75.78 रुपए, 74.03 और 593 रुपए में बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले छह साल के दौरान पेट्रोल एवं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमश: 23.78 और 28.37 रुपये बढ़ाई गई है और कोरोना से लड़ रहे गरीबों, प्रवासी श्रमिकों, दुकानदारों, किसानों, छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायी और बेरोजगारों के हित में इसे वापस लिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि लोग भारी आर्थिक मंदी और महामारी की स्थिति में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार हर रोज डीजल और पेट्रोल में दाम बढ़ाकर मुनाफाखोरी कर रही है। पिछले आठ दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 4.52 रुपए और 4.64 रुपए प्रति लीटर की दर से बढ़ाए गए है जबकि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बहुत कम दर पर है।