बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा कर अपनी ही नीति क्यों भूली सरकार? फैसले पर उठे सवाल

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Aug, 2022 06:45 PM

government forget its own policy by releasing the rapists of bilkis bano

2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद के सभी दोषियों की रिहाई ने केंद्र और गुजरात की सरकारों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

नेशनल डेस्क: 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए उम्रकैद के सभी दोषियों की रिहाई ने केंद्र और गुजरात की सरकारों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। केंद्र और गुजरात में बीजेपी की सरकारें हैं, लेकिन बिलिकस बानों के मामलें में दोषियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इस पर सरकारें अपनी नीतियों में भिन्न प्रतीक हो रही है। इस साल जून में केंद्र सरकार ने सजायाफ्ता कैदियों के लिए विशेष रिहाई नीति का प्रस्ताव रखा था और इसके लिए राज्‍यों के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं। अधिसूचना के अनुसार बलात्कार के दोषी उन लोगों में से हैं जिन्हें इस नीति के तहत विशेष रिहाई नहीं दी जानी है। 

लेकिन केंद्र सरकार की गाइडलाइंस बिलकिस बानो के मामले में लागू नहीं हुई। गुजरात सरकार ने गैंगरेप के दोषियों को क्षमा नीति के तहत रिहा कर दिया। गुजरात सरकार का फैसला बलात्कार के दोषियों को रिहा करने के केंद्र के विरोध के खिलाफ जाता है। केंद्र की विशेष नीति के दिशा-निर्देशों के पेज 4 पर बताए गए बिंदु 5(vi) में कहा गया है कि 'बलात्कार', मानव तस्करी और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के अपराध के लिए दोषी ठहराए गए कैदियों को विशेष छूट नहीं दी जाएगी। 

गौरतलब है कि तीन मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिल्कीस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था। अभियोजन के अनुसार, ‘‘बिल्कीस उस समय पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इतना ही नहीं, उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।'' अदालत को बताया गया था कि छह अन्य सदस्य मौके से फरार हो गए थे। इस मामले के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था।

दोषियों की रिहाई के बाद बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने कहा कि परिवार रिहाई पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में नहीं बताया गया था। हम केवल अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना चाहते हैं जिन्होंने दंगों में अपनी जान गंवाई है। रसूल ने कहा कि वह, उनकी पत्नी बिलकिस और उनके पांच बेटे एक निश्चित पते के बिना रह रहे हैं। हर दिन, हम उन लोगों को याद करते हैं जो इस घटना में मारे गए थे, जिसमें हमारी बेटी भी शामिल थी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!