सरकार ने सर्वदलीय बैठक में श्रीलंका की स्थिति की जानकारी दी, स्थिति को अभूतपूर्व बताया

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jul, 2022 06:26 PM

government informed about the situation in sri lanka in the all party meeting

सरकार ने श्रीलंका संकट को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश की स्थिति की जानकारी दी जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है

नई दिल्लीः सरकार ने श्रीलंका संकट को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश की स्थिति की जानकारी दी जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है।

श्रीलंका संकट पर सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका में बहुत गंभीर संकट है तथा स्थिति कई मायनों में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, ‘‘ मामला करीबी पड़ोसी से संबंधित है, हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं। '' बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रारंभिक टिप्पणी की। इसमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद पटेल आदि भी मौजूद थे।

बैठक में कांग्रेस के पी चिदंबरम, मणिकम टैगोर, राकांपा के शरद पवार, द्रमुक के टी आर बालू और एम एम अब्दुल्ला, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, बहुजन समाज पार्टी के रीतेश पांडे, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, एमडीएमके के वाइको आदि ने हिस्सा लिया।

श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है। सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल घोषित किया है।

संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान तमिलनाडु के दलों द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने भारत से श्रीलंका के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। उस बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर करेंगे। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सीतारमण बैठक को संबोधित करेंगी क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं।

पड़ोसी देश श्रीलंका को करीब 2.2 करोड़ की अपनी आबादी की बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में पांच अरब डॉलर की जरूरत है। पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामान और ईंधन की किल्लत बनी हुई है। रविवार को प्रदर्शन के 100 दिन पूरे हो गए। सरकारी विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत नौ अप्रैल को हुई थी। प्रदर्शनों के बाद गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा। राजपक्षे (73) श्रीलंका छोड़कर बुधवार को मालदीव गए और फिर बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था।

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