सरकारी दफ्तर व स्कूल खुद पैदा करेंगे बिजली

Edited By Pardeep,Updated: 08 Sep, 2019 05:15 AM

government offices and schools will generate electricity themselves

अब दिल्ली के सभी सरकारी स्कूल और दफ्तर अपनी जरूरत के हिसाब से बिजली पैदा करेंगे और सरप्लस बिजली को वितरण कंपनियों को बेच सकेंगे। इसके लिए स्कूलों और दफ्तरों के भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सोलर बिजली पैदा की जाएगी। दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों...

नई दिल्ली: अब दिल्ली के सभी सरकारी स्कूल और दफ्तर अपनी जरूरत के हिसाब से बिजली पैदा करेंगे और सरप्लस बिजली को वितरण कंपनियों को बेच सकेंगे। इसके लिए स्कूलों और दफ्तरों के भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सोलर बिजली पैदा की जाएगी। दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में सोलर पैनल लगाने के लिए 50 से अधिक सोलर बिजली कंपनियों को अधिकृत किया है। 

दिल्ली सरकार के करीब 600 स्कूलों में से 80 स्कूलों की छतों पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं। सरकार ने बाकी बचे स्कूलों व दफ्तरों में सोलर पैनल जल्द लगाने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जनता भी अपने मकानों पर सोलर पैनल लगवा सकती है। सोलर स्कीम दिल्ली सरकार के ग्रीन बजट का हिस्सा है।

25 वर्ष का एग्रीमेंट 
अगर स्कूल चाहे तो स्वयं सोलर पैनल लगवा सकते हैं। लेकिन वर्तमान में ज्यादातर स्कूल पैनल में शामिल सोलर कंपनियों से अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवा रहे हैं। इसके तहत स्कूल में जितने यूनिट बिजली की खपत होगी,संबंधित सोलर पैनल कंपनी को स्कूल बिजली बिल का भुगतान करेगा। सरप्लस बिजली डिस्काम को जाएगी और डिस्काम संबंधित सोलर कंपनी को भुगतान करेगा। स्कूल और सोलर कंपनी के बीच 25 वर्षों का एग्रीमेंट होगा। लेकिन स्कूलों को सस्ती दर पर बिजली मिलेगी। करीब 3 रूपए प्रति यूनिट की दर से स्कूल सोलर कंपनी को बिजली का भुगतान करेंगे। इसमें सालाना 3 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल होगी। 

खेतों में सोलर पैनल लगाने के लिए टेंडर की तैयारी 
दिल्ली सरकार दिल्ली के किसानों के खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करने की स्कीम के लिए रेट तय करने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए ऊर्जा और राजस्व विभाग ने जमीनी स्तर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली है। स्कीम में आने के लिए किसानों को राजस्व विभाग के स्थानीय डिप्टी कमिश्नर के यहां आवेदन करना होगा। इस तरह किसान अपनी फसल को नुकसान पहुंचाये बगैर खेतों में बिजली पैदा कर सकेंगे। बता दें कि दिल्ली कैबिनेट ने मुख्यमंत्री किसान आय बढ़ोत्तरी योजना को मंजूरी दी है। 

क्या है स्कीम 

  • सोलर पैनल लगाने का काम निजी कंपनियां करेंगी। 
  • किसानों के साथ कंपनी 25 साल का समझौता करेगी। 
  • इसमें किसानों को अपनी भूमि का किराया मिलेगा और बिजली भी मुफ्त मिलेगी। 
  • 6 एकड़ भूमि पर हर साल 13 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। 
  • किसानों को एक साल में एक लाख रूपए प्रति एकड़ की रेट मिल सकती है। 
  • इसमें हर साल 6 फीसदी का होगा इजाफा।
  • एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए 6 एकड़ जमीन की होगी जरूरत।
  • न्यूनतम 3.5 मीटर की ऊंचाई पर लगेंगे सोलर पैनल।
  • इससे कृषि उपकरणों को चलाने में नहीं होगी परेशानी। 
  • किसानों को एक पैसा भी नहीं करना होगा निवेश। 

इनके भवनों में प्लांट हैं

  • राजनिवास
  • मुख्यमंत्री व मंत्रियों के बंगले
  • दिल्ली सचिवालय
  • दिल्ली हाईकोर्ट
  • द्वारका कोर्ट
  • साकेत कोर्ट
  • डीटीयू
  • एनएसआईटी
  • सभी सरकारी इंजीनियरिंग कालेज
  • सभी सरकारी पालीटेक्निक
  • सभी एमसीडी स्कूलों में लगाई जा रही 

146
मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन दिल्ली में हो रहा है 

40
मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन हर वर्ष बढ़ाने का लक्ष्य तय

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