मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर सरकार, दिल्ली के 6 अस्पताल तैयार, जहां होंगे टेस्ट और इलाज

Edited By Utsav Singh,Updated: 21 Aug, 2024 09:03 PM

government on alert regarding monkeypox 6 hospitals in delhi are ready

मंकीपॉक्स वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह पाकिस्तान तक फैल चुका है। भारत में भी इस वायरस के प्रवेश की आशंका जताई जा रही है, जिसके चलते सरकार ने मंकीपॉक्स के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया है। दिल्ली के छह प्रमुख अस्पतालों को मंकीपॉक्स के...

नेशनल डेस्क : मंकीपॉक्स वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह पाकिस्तान तक फैल चुका है। भारत में भी इस वायरस के प्रवेश की आशंका जताई जा रही है, जिसके चलते सरकार ने मंकीपॉक्स के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया है। दिल्ली के छह प्रमुख अस्पतालों को मंकीपॉक्स के इलाज और परीक्षण के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया है। इन अस्पतालों में केंद्र सरकार के अधीन एम्स, सफदरजंग और अरविंदो मेडिकल कॉलेज (अरएमएल) शामिल हैं, जबकि दिल्ली सरकार के लोकनायक, जीटीबी और अंबेडकर अस्पताल भी इस सूची में हैं। इन सभी अस्पतालों में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं जहां टेस्टिंग और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

PunjabKesari

3 अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाए गए
इसके अतिरिक्त, दिल्ली सरकार के तीन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए 40 बेड रिजर्व किए गए हैं। पिछले साल 2022 में दिल्ली में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था, इसलिए राजधानी में इस वायरस से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

PunjabKesari

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से विशेष सतर्कता बरतने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी हवाई अड्डों और बांग्लादेश तथा पाकिस्तान की सीमाओं के पास स्थित भूमि बंदरगाहों के अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के प्रति विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि मंकीपॉक्स से प्रभावित किसी भी मरीज के क्वारंटाइन और इलाज के लिए दिल्ली में तीन प्रमुख अस्पतालों—राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, और लेडी हार्डिंग अस्पताल—को नोडल केंद्रों के रूप में चिन्हित किया गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने-अपने राज्यों में ऐसे अस्पतालों की पहचान करें जो मंकीपॉक्स के संदिग्ध और प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए तैयार हों। यह कदम देश भर में मंकीपॉक्स के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के लिए उठाया गया है।

PunjabKesari

यह भी पढ़ें- मुंह को पॉलीथीन से बांधा, फिर सूंघी हीलियम गैस... इंजीनियर के सुसाइड से इलाके में फैली सनसनी

जानवरों से मनुष्यों और एक व्यक्ति से दूसरे में फैल...
डॉक्टरों के अनुसार, मंकीपॉक्स का इनक्यूबेशन पीरियड सामान्यतः सात से 14 दिनों का होता है, लेकिन यह अवधि पांच से 21 दिनों तक भी हो सकती है। इस दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता। संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते प्रकट होने से एक से दो दिन पहले तक रोग फैल सकता है। जब तक चकत्तों की पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती, तब तक व्यक्ति संक्रामक बना रह सकता है। यह वायरस जानवरों से मनुष्यों और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, श्वसन पथ, या म्यूकस मेम्ब्रेन (जैसे आंख, नाक, या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित जानवर या वन्य जीव से मानव में वायरस का संक्रमण सीधे काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ, या घावों के संपर्क से होता है, और दूषित बिस्तर जैसे अप्रत्यक्ष संपर्क से भी फैल सकता है।

आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलता है,
मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलता है, और अधिकांश रोगी सामान्य चिकित्सा से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। इस वायरस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क में रहने से फैलता है, खासकर यौन संपर्क, शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क, घावों के संपर्क, या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े और चादर के उपयोग से होता है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!