Edited By shukdev,Updated: 26 Nov, 2018 05:10 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय की प्राथमिकता सूची में राम मंदिर नहीं है तो केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। भागवत ने रविवार को ‘जन हुंकार’ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि जहां...
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय की प्राथमिकता सूची में राम मंदिर नहीं है तो केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाना चाहिए। भागवत ने रविवार को ‘जन हुंकार’ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि जहां मस्जिद थी वहां पहले मंदिर था, इसलिए उच्चतम न्यायालय को इस मामले में तेजी से निर्णय लेना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय राम मंदिर मामले को प्राथमिकता नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी का अर्थ है न्याय नहीं देना। यदि उच्चतम न्यायालय समय के अभाव या जनता की भावनाओं को नहीं समझ पाने के कारण मंदिर के मामले को प्राथमिकता नहीं दे पा रहा है तो सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाए। उन्होंने आम जनता से सरकार पर अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का भी आग्रह किया।