Edited By Yaspal,Updated: 14 Apr, 2020 06:54 PM
केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को चेतावनी दी है। मंत्रालय ने कहा कि कि अगर वे कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से दफ्तर आना नहीं चाहते तो इस विभाग की जानकारी वो अपने विभाग को दे दें। ऐसे में स्टाफ को काम से दूर...
नेशनल डेस्कः केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को चेतावनी दी है। मंत्रालय ने कहा कि कि अगर वे कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से दफ्तर आना नहीं चाहते तो इस विभाग की जानकारी वो अपने विभाग को दे दें। ऐसे में स्टाफ को काम से दूर रखा जाएगा और इन्हें दूसरी जगह पोस्टिंग दी जाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वे सोमवार से अपने दफ्तरों में आएं और काम की शुरूआत करें। लॉकडाउन की वजह से लंबे समय से मंत्रालयों का कामकाज ठप पड़ा था। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को जब उपभोक्ता मामलों और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय में कामकाज शुरू हुआ तो अफसरों और कर्मचारियों की मौजूदगी बहुत कम देखी गई।
कई अधिकारी ऐसे थे जो कोरोना संक्रमण की वजह से दफ्तर नहीं आना चाहते थे और घर से ही काम (वर्क फ्रॉम होम) करना चाहते थे। इन अफसरों का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए ये जरूरी है। मंत्रालय की ओर से सोमवार को ड्यूटी पर आने का कोई औपचारिक आदेश न मिलने की वजह से कई अधिकारियों ने अपने घर से ही काम करना उचित समझा।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की अगुवाई वाले इस मंत्रालय ने 13 अप्रैल को अपने अधिकारियों को एक मेमोरंडम भेजा और कहा, "सभी अधिकारी जो इस डिपार्टमेंट में काम करना नहीं चाहते हैं वो इसकी सूचना एस्टेबलिशमेंट सेक्शन को अप्रैल 2020 तक दे दें, ताकि उन्हें काम से रिलीव करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।" बता दें कि ये किसी मंत्रालय द्वारा अपने स्टाफ को भेजा जाने वाला इस तरह का पहला पत्र-व्यवहार है।
सूत्रों का कहना है कि अगर कोई अधिकारी इस विकल्प को चुनता है तो उन्हें अगली पोस्टिंग का इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान देश में खाने-पीने की चीजों की सप्लाई सुनिश्चित करने में इस मंत्रालय का अहम रोल है। इस मंत्रालय का काम न सिर्फ जरूरी चीजों की सप्लाई को बरकरार रखना है, बल्कि इसकी कीमत, कालाबाजारी पर भी ध्यान देना देना है।