Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2018 02:15 AM
सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल ना होने के कारण बुधवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा के उप सभापति के पद पर चुनाव के लिए उसके तैयार होने की संभावना नहीं है और वह सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुनने पर जोर देगी। पी जे कुरियन के सेवानिवृत्त...
नई दिल्ली : सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल ना होने के कारण बुधवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा के उप सभापति के पद पर चुनाव के लिए उसके तैयार होने की संभावना नहीं है और वह सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुनने पर जोर देगी। पी जे कुरियन के सेवानिवृत्त होने के बाद पिछले महीने से यह पद खाली पड़ा है। कुरियन केरल से कांग्रेस के टिकट पर संसद के ऊपरी सदन में निर्वाचित हुए थे और बाद में वह संप्रग सरकार में राज्यसभा के उपसभापति बने।
भाजपा के पास नहीं है बहुमत
सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि संसदीय नियमों के अनुसार इस पद को भरने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं है और पूर्व में ऐसे भी उदाहरण रहे हैं जब यह पद एक सत्र से अधिक समय तक खाली रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के पास सदन में बहुमत नहीं है और उसे चुनाव की स्थिति में अपना उम्मीदवार चुनने के लिए कई क्षेत्रीय दलों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा , ‘हमारी कोशिश ऊपरी सदन के उपसभापति के लिए सर्वसम्मति बनाने की होगी।’ इससे पहले , राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी सुझाव दिया था कि सरकार और विपक्ष को सर्वसम्मति से उपसभापति का चयन करना चाहिए। नायडू ने कुरियन के विदाई समारोह में यह टिप्पणी की थी।
टीएमसी के सुखेंदु शेखर रॉय समेत कई नामों पर चल रही चर्चा
इस बीच , विपक्ष में सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के अलावा कई विपक्षी दल इस पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं जिसे पूरा विपक्ष भी समर्थन दें। विपक्ष की ओर से इस पद के उम्मीदवार के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय समेत कई नामों पर चर्चा चल रही है। सरकार की ओर से राजग के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के राज्यसभा सांसद नरेश गुजराल का नाम सामने आया लेकिन सोमवार को उन्होंने इससे इनकार कर दिया। गुजराल ने कहा कि वह इस पद की दौड़ में शामिल नहीं है और उम्मीदवार का चयन सर्वसम्मति से होना चाहिए।