Edited By shukdev,Updated: 20 Mar, 2019 08:55 PM
आम चुनावों के मद्देनजर सोशल मीडिया कंपनियों को उनके इंटरनेट मंच का दुरुपयोग किए जाने के प्रति आगाह किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इन कंपनियों को चेतावनी के लहजे में कहा है कि वह चुनावों को प्रभावित करने के लिये अपने मंच का...
नई दिल्ली: आम चुनावों के मद्देनजर सोशल मीडिया कंपनियों को उनके इंटरनेट मंच का दुरुपयोग किए जाने के प्रति आगाह किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इन कंपनियों को चेतावनी के लहजे में कहा है कि वह चुनावों को प्रभावित करने के लिये अपने मंच का इस्तेमाल नहीं होने दें। हालांकि, उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले में निगरानी रखे हुए है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की शुद्धता ‘बहुत पावन’ है।
उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो सकता है लेकिन प्लेटफार्म को इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस तरह की जानकारी का किसी भी सूरत में दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या आईटी मंत्रालय स्थिति पर नजर रखे हुए है? जवाब में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले से ही इसकी निगरानी कर रहा है। आयोग के पास इस संबंध में कार्रवाई करने का भी अधिकार है। उन्होंने कहा,‘चुनाव आयोग पहले ही इस पर नजर रखे हुए है। उन्हें अपना काम करने दीजिए।
उन्होंने बैठक की है चुनाव आयोग के लिए यह उचित होगा कि वह निगरानी करे और चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के कामकाज के लिए समन्वय बिठाए और नियम तैयार करे।’ प्रसाद ने कहा, ‘जहां तक हमारी बात है मैं केवल यही कह सकता हूं कि भारतीय लोकतंत्र बहुत पवित्र है और सोशल मीडिया को इस बात का ध्यान रखना होगा कि उसमें उपलब्ध आंकड़ों का चुनावों को प्रभावित करने के लिए दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। कोई यदि प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहता है, हमें इसमें कोई समस्या नहीं है।’
रविशंकर प्रसाद की तरफ से यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब एक दिन पहले ही सोशल मीडिया क्षेत्र की कंपनियों, इंटरनेट और मोबाइल एसोसियेसन ने मंगलवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह उद्योग के लिए ‘आचार संहिता’ के मसौदे के साथ आगे आएंगे जिससे कि लोकसभा चुनावों के दौरान सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोका जा सके।
चुनाव आयोग ने इंटरनेट और मोबाइल एसोसियेसन और फेसबुक, ट्विटर और टिकटाक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के प्रतिनिधियों को इस संबंध में विचार विमर्श के लिये बुलाया था। आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि चुनावों को बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त रखा जाए।