Edited By Seema Sharma,Updated: 05 Nov, 2020 11:05 AM
भारत में ड्राइवरों की कमी को देखते हुए सरकार जनजातीय क्षेत्रों और देश के 115 सबसे गरीब जिलों में चालक प्रशिक्षण केंद्र (Driver Training Centres) स्थापित करने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े...
नेशनल डेस्क: भारत में ड्राइवरों की कमी को देखते हुए सरकार जनजातीय क्षेत्रों और देश के 115 सबसे गरीब जिलों में चालक प्रशिक्षण केंद्र (Driver Training Centres) स्थापित करने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को इससे काफी लाभ मिलेगा। गडकरी ने बताया कि देश में लगभग 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। गडकरी ने कहा कि हम ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहते हैं, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में। आदिवासी क्षेत्रों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंट्रर्स खोले जाने शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को इससे फायदा होगा। गडकरी ने बुधवार को स्वीडिश दूतावास और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में उन्होंने कहा कि कृषि, आदिवासी और 115 आकांक्षी जिलों में, हमें और अधिक ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने की आवश्यकता है।
साथ ही गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड को कानून मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है और मंत्रालय जल्द ही बोर्ड में व्यक्तियों की नियुक्ति करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में दुर्घटनाएं इसलिए भी होती हैं क्योंकि ड्राइवर थके हुए होते हैं और देश में ड्राइवर की कमी के चलते उन पर ओवर वर्क ज्यादा होता है। गडकरी ने कहा कि “अक्सर ट्रक का कंडक्टर (हेल्पर) कुछ समय के लिए ड्राइवर ड्राइव को देखने के बाद सोचता है कि वह भी ड्राइव कर सकता है और फिर ड्राइवर बन जाता है। इस कारण से हमें और अधिक ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की आवश्यकता है। गडकरी ने बताया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को अच्छे से शिक्षित किया जाता है।