Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 09 Sep, 2019 06:56 PM
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से शहरी जीवन को आसान बनाने के लिये शुरु किये गये स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत देश के सभी शहरों की यथासंभव सभी प्रकार की जानकारियों का ‘डेटाबेस'' अगले पांच साल में बनाने का लक्ष्य तय किया...
नई दिल्लीः आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से शहरी जीवन को आसान बनाने के लिये शुरु किये गये स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत देश के सभी शहरों की यथासंभव सभी प्रकार की जानकारियों का ‘डेटाबेस' अगले पांच साल में बनाने का लक्ष्य तय किया है।
शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने सोमवार को बताया कि शहरों में सुगम यातायात, जलभराव, सीवर, स्वास्थ्य एवं महिला सुरक्षा सहित सभी प्रकार की नागरिक सुविधाओं से जुड़े तथ्य एवं आंकड़ों को जुटाया जा रहा है। इसकी शुरुआत स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत चयनित सौ शहरों में उन 24 शहरों से की गयी है जिनमें ‘कमांड एंड कंट्रोल सेंटर' कार्यरत हो चुके हैं।
सभी शहरों से सरकारी एवं गैरसरकारी स्रोतों सहित विभिन्न माध्यमों से जुटाये जा रहे आंकड़ों को मंत्रालय के दिल्ली स्थित मुख्यालय से संचालित ‘इंडिया अर्बन ऑब्जर्वेटरी' में एकत्र किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विभिन्न शहरों में चल रहे कामों की निरंतर निगरानी के लिये गत मार्च में इस ऑब्जर्वेटरी की शुरुआत की थी। मिशन के परियोजना निदेशक कुणाल कुमार ने बताया कि 24 शहरों से बिजली, पानी, सड़क, यातायात, सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित अन्य नागरिक सेवाओं की ‘रियल टाइम' जानकारियां पिछले तीन महीने से जुटाई जा रही हैं।
इनके विश्लेषण के आधार इन शहरों में चल रहे स्मार्ट सिटी मिशन के कामों की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। साथ ही जिन शहरों में परियोजना के कामों में दिक्कत आ रही है उन्हें अन्य शहरों से जुटाये गये आंकड़ों के आधार पर सहायता भी की जाती है। कुमार ने बताया कि 2022 तक 400 शहरों और 2024 तक सभी 4000 शहरी निकायों को ‘डेटाबेस' में शामिल कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब तक जुटाये गये डेटाबेस के आधार पर विभिन्न शहरों के लिये स्वच्छता, सुरक्षा एवं यातायात सहित अन्य नागरिक सुविधाओं के लिये अलग वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से लोगों को जरूरी जानकारियों का आदान प्रदान करने की सहूलियत भी मुहैया कराने का पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया गया है।
इसके अंतर्गत स्वच्छ काशी पोर्टल तैयार किया गया है। इस पर स्थानीय लोग स्वच्छता अभियान से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं और इनके आधार पर न सिर्फ शहर में चल रहे स्वच्छता की समीक्षा एवं निगरानी की जाती है बल्कि नकारात्मक सूचनाओं को संबद्ध एजेंसी को अवगत भी कराया जाता है। स्मार्ट सिटी मिशन की अब तक की प्रगति के बारे में कुमार ने बताया कि जून 2015 में परियोजना के लिये शहरों का चयन शुरु होने के बाद जनवरी 2017 से चयनित शहरों में काम शुरु हुआ। इस साल के अंत तक सभी चयनित शहरों में परियोजना के अंतर्गत 16 प्रतिशत काम पूरा हो जायेगा। मूलभूत परियोजनायें पूरी होने के बाद अब समग्र परियोजना की गति में तेजी आयेगी।