Edited By Pardeep,Updated: 30 Jul, 2018 11:08 PM
सरकार घरेलू अैर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के वास्ते विभिन्न प्रकार की अड़चनों को कम करने के लिए कानूनी उपायों के साथ साथ प्रशासनिक स्तर पर होने वाले उपायों की एकीकृत रणनीति पर काम कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार...
नई दिल्ली: सरकार घरेलू अैर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के वास्ते विभिन्न प्रकार की अड़चनों को कम करने के लिए कानूनी उपायों के साथ साथ प्रशासनिक स्तर पर होने वाले उपायों की एकीकृत रणनीति पर काम कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को यह कहा।
प्रभु ने कहा कि निर्यात कारोबार में विभिन्न प्रकार की सुविधाओं की ऊंची लागत से प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है और माल के आवागमन पर असर पड़ता है। भारत में साजो सामान और व्यापार सुविधायें उपलब्ध कराने वाले लाजिस्टिक्स उद्योग का कारोबार 215 अरब डालर तक पहुंच गया। यह उद्योग 10 प्रतिशत सालाना की ऊंची दर से बढ़ रहा है। प्रभु यहां इंडिया लाजिस्टिक्स का पहचान चिन्ह् जारी कर रहे थे। इसके प्रतीक चिन्ह् को नेशनल इंस्टीट््यूट आफ डिजाइन ने तैयार किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक व्यापार में देश का हिस्सा बढ़ाना है और इस काम में लाजिस्टिक्स क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।’’
प्रभु ने कहा कि उनका मंत्रालय एक राष्ट्रीय लाजिस्टिक्स पोर्टल विकसित कर रहा है जिसमें सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर जोड़ दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार निर्यात, आयात और घरेलू व्यापार की लागत को कम करने के लिये एकीकृत रणनीति पर भी काम कर रही है। ‘‘इस काम में हम दुनिया के सबसे बेहतर विशेषज्ञों की सेवायें ले रहे हैं। इसके लिए हम विधायी कदमों के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी जरूरी कदम उठा रहे हैं।’’ वाणिज्य मंत्रालय के तहत लाजिस्टिक्स विभाग ने लाजिस्टिक्स केन्द्र स्थापित करने के लिये भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के साथ आपसी सहमति के ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं।