Edited By Pardeep,Updated: 10 Jan, 2020 10:40 PM
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज के प्रभावी क्रियान्वयन और सरकारों के लिये जरूरी है कि प्रेस की स्वतंत्रता का हर समय सम्मान किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रेस का महत्व बेहद अच्छे से स्थापित है और यह संविधान में दिया...
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज के प्रभावी क्रियान्वयन और सरकारों के लिये जरूरी है कि प्रेस की स्वतंत्रता का हर समय सम्मान किया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रेस का महत्व बेहद अच्छे से स्थापित है और यह संविधान में दिया गया बेहद मूल्यवान और पवित्र अधिकार है।
न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, “किसी भी आधुनिक समाज में इस अधिकार की जरूरत है क्योंकि इसके बिना सूचनाओं का स्थानांतरण नहीं हो सकता या लोकतांत्रिक समाज के लिये आवश्यक चर्चा नहीं हो सकती।” अदालत ने यह टिप्पणी कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर एक याचिका पर की।
याचिका में उन्होंने कहा था कि बीते छह अगस्त से ही अखबार का कश्मीर संस्करण नहीं छपा है और संचार सेवाओं व आवाजाही पर पूर्ण पाबंदी एक तरह से मीडिया गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक है। सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने हालांकि अदालत को बताया कि कश्मीर टाइम्स के संपादकों ने श्रीनगर से अपना अखबार नहीं छापना तय किया है।