Edited By Monika Jamwal,Updated: 23 Jan, 2019 01:17 PM
गवर्नर सत्यपाल मलिक ने राजनीति दलों पर आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस समारोह में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने को अनिवार्य करने को लेकर सरकारी आदेश का पार्टियां राजनीतिकरण कर रही हैं।
जम्मू: गवर्नर सत्यपाल मलिक ने राजनीति दलों पर आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस समारोह में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने को अनिवार्य करने को लेकर सरकारी आदेश का पार्टियां राजनीतिकरण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टियों के पास अब कुछ बचा नहीं है और इसी कारण वे ऐसा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह राजनीति सही नहीं है और यह कश्मीर को बर्बाद कर देंगी क्योंकि बेवजह चीजों को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह आदेश नया नहीं है। 2009 से जारी हो रहा है और बिना फुलस्टॉप और कॉमा के। मेरे पास 2009 से लेकर 2018 तक के आदेश पड़े हैं। मैने कुछ नया नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। गवर्नर ने कहा कि यह कर्मचारियों की डयूटी है और उन्हें उस दिन वहां मौजूदा होना चाहिये। इसमें राष्ट्रवाद कहां से आ गया। गौरतलब है कि राज्य प्रशासन ने 15 जनवरी को एक आदेश के द्वारा सरकारी कर्मचारियों को चेताया था कि गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने पर डयूटी से लापरवाही समझा जाएगा।
दरअसल पीडीपी नेता वाहिद पारे ने कहा था कि यह अपनी इच्छा होनी चाहिये। इसे जबरन थोपा नहीं जाना चाहिये। देशभक्ति थोपी नहीं जा सकती। वहीं इंजीनियर रशीद ने इसे असंवेधानिक करार दिया था।