Edited By Monika Jamwal,Updated: 27 Nov, 2018 04:29 PM
जम्मू कश्मीर के गवर्नर ने जहां पहले इस बात का हिंट दिया था कि उन्होंने विधानसभा को केन्द्र के दवाब में आकर भंग किया वहीं अब वह अपने बयान से पलट गये हैं।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के गवर्नर ने जहां पहले इस बात का हिंट दिया था कि उन्होंने विधानसभा को केन्द्र के दवाब में आकर भंग किया वहीं अब वह अपने बयान से पलट गये हैं। उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कहना नहीं था। केन्द्र राज्य की राजनीति में कहीं कोई रूचि नहीं लेता है।
एक टीवी रिपोर्ट के अनुसार मलिक ने इससे दावा किया था कि अगर वह विधानसभा भंग नहीं करते तो केन्द्र सज्जाद लोन को जम्मू कश्मीर का सीएम बना देता। उन्होंने विधानसभा भंग करने के अपने निर्णय को सही बताया और कहा कि उनका निर्णय राज्य के हित में लिया गया था। पिछले सप्ताह ही मलिक ने विधानसभा को उस समय भंग कर दिया जब कथित तौर पर महबूबा मुफ्ती ने पीडीपी, कांग्रेस और नैकां के समर्थन से सरकार बनाने के लिए उन्हें फैक्स किया था। गवर्नर साहब ने कहा, ईद की छुट्टी थी। मेरा रसोईया तक नहीं आया था। आफिस बंद था। मुझे कोई फैक्स नहीं मिला।