Edited By Yaspal,Updated: 15 Sep, 2018 12:46 AM
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने की तमिलनाडु सरकार की सिफारिश को केंद्रीय...
नई दिल्लीः तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने की तमिलनाडु सरकार की सिफारिश को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास उसकी राय के लिए भेज दिया है। यह जानकारी शुक्रवार को अधिकारियों ने दी। राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 161 का उल्लेख करते हुए सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। यह अनुच्छेद राज्यपाल को कुछ मामलों में सजा माफ करने, निलंबित करने, सजा में छूट देने या सजा कम करने की शक्ति देता है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय का न्यायिक प्रभाग मामले की कानूनी स्थिति की समीक्षा करेगा और कानून के अनुरूप मत व्यक्त करेगा। तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार ने नौ सितंबर को राज्यपाल से दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। उसके इस कदम की ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सराहना की थी।
केंद्र ने तमिलनाडु सरकार ने किया था विरोध
हत्याकांड के पीछे बड़ी साजिश के पहलू की जांच कर रही सी बी आई नीत बहु अनुशासनात्मक निगरानी एजेंसी (एम डी एम ए) ने कुछ महीने पहले उच्चतम न्यायालय को बताया था कि मामले में जांच ‘‘अब भी जारी’’ है और श्रीलंका सहित विभिन्न देशों को आग्रह पत्र भेजे गए हैं जहां रह रहे कुछ लोगों से पूछताछ की आवश्यकता है। दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 435 के तहत राज्य सरकार सजा में छूट देने या सजा कम करने पर केंद्र सरकार से मशविरा करने के बाद ही आगे बढ़ सकती है। 10 अगस्त 2018 को केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया था और कहा था कि उन्हें रिहा करने से बहुत गलत उदाहरण स्थापित होगा।
उच्चतम न्यायालय के अनुसार किसी केंद्रीय एजेंसी की जांच वाले मामलों में राज्य सरकार किसी भी दोषी की सजा में ढील नहीं दे सकती और राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए केंद्र की मंजूरी आवश्यक है क्योंकि मामले की जांच सी बी आई ने की थी।