Edited By Monika Jamwal,Updated: 30 Aug, 2018 02:43 PM
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर संविधान के अनुच्छेद 35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 अगस्त को होने वाली सुनवाई को स्थगित करने की मांग की है।
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर सरकार ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर संविधान के अनुच्छेद 35 ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 31 अगस्त को होने वाली सुनवाई को स्थगित करने की मांग की है। राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए सरकार ने यह मांग की है। उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में राज्य सरकार के वकील एम. शोएब आलम ने शुक्रवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पांच याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई स्थगित करने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार आगामी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय तथा निगम चुनावों की तैयारी को देखते हुए ‘31 अगस्त को मामले की सुनवाई स्थगित करने की मांग करेगी।’ इसमें कहा गया है, ‘पत्र को कृपया आदरणीय न्यायाधीशों के बीच वितरित किया जाए ताकि उन्हें कोई असुविधा नहीं हो...।’ उच्चतम न्यायालय मामले में कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें एक याचिका गैर सरकारी संगठन ‘वी द सिटीजन्स ’ ने दायर की है और उसने अनुच्छेद 35-ए को रद्द करने की मांग की है। इस अनुच्छेद के कारण जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष दर्जा हासिल होता है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को एक पीठ के समक्ष होनी है जिसमें प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूॢत ए एम खानविलकर तथा न्यायमूॢत डी वाई चंद्रचूड़ शामिल हैं।