अफ्रीकी छात्रों के साथ बुरा बर्ताव बंद हो

Edited By ,Updated: 30 May, 2016 05:56 PM

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कांगो के एक छात्र की नई दिल्ली में पीट-पीट कर हत्या करने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अफ्रीका के कुछ लोगों पर हमला कर

कांगो के एक छात्र की नई दिल्ली में पीट-पीट कर हत्या करने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अफ्रीका के कुछ लोगों पर हमला कर दिया गया। भारत में पिछले कई वर्षों से अफ्रीकी छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने आ रहे हैं। विशेष तौर पर दक्षिण दिल्ली के बाद अब ये राजधानी के अन्य हिस्सों में भी रहने लगे हैं। दिल्ली के सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा महंगी नहीं है। वैसे भी सरकार सुविधाएं देने का वायदा करती है इसीलिए अफ्रीकी देशों के छात्र यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं। उनसे किसी प्रकार का बुरा बर्ताव किया जाएगा तो इससे देश की प्रतिष्ठा पर असर पड़ेगा ही। जंतर-मंतर पर अफ्रीकी छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और इस बीच अधिक सवारियां बिठाने से इंकार करने पर अफ्रीकी लोगों ने एक कैब चालक को बुरी तरह पीटा दिया।

इन दोनों घटनाओं को अफ्रीकी छात्रों के साथ हुए बुरे बर्ताव की प्रतिक्रिया ही माना जाएगा। भारत के भी छात्रों में अमरीका, आॅस्ट्रेलिया, ब्रिटेन आदि देशों में जाकर शिक्षा प्राप्त करने का जुनून बढ़ा है। यदि विदेश में भारतीय छात्रों के साथ बुरा बर्ताव किया जाए तो यहां के लोगों का चिंतित होना स्वाभाविक है। यही स्थिति उन लोगों की भी है। उनके देशों में प्रतिक्रिया हिंसक हो गई है। अफ्रीेकी देशों में रहने वाले भारतीयों के साथ मारपीट की गई। उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। यह खबर भारत आते ही यहां के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इस लिहाज से अफ्रीकी देशों में भी यही हुआ होगा। भारतीय अधिक धैर्य रखने वाले और सहनशील हो सकते हैं, लेकिन वहां के लोगों के ऐसी ही प्रकृति हो, यह जरूरी नहीं है।

विदेश में भारतीयों के साथ भी बुरा बर्ताव होता रहता हे। सिख छात्रों की जांच के नाम पर पगड़ी उतरवा लेना, उन्हें आतंकी के नाम से संबोधित करने की कई घटनाएं हो चुकी हें। यहीं नहीं, कई भारतीय लापता भी हुए हैं। उन पर जानलेपा हमले किए गए हैं। उनके साथ लूटपाट हुई है। इनमें अमरीका और आॅस्ट्रेलिया का नाम प्रमुखता से लिया ला सकता है। यह खबर सुनते ही इन छात्रों के यहां रहने वाले परिजनों की क्या हालत होती होेगी, इसकी कल्पना की जा सकती है।

ऐसी खबरों की जानकारी मिलते ही यहां के लोग संबंधित देश के नागरिकों को हानि पहुंचाने के लिए हिंसक कार्रवाई नहीं करते। वे सर्वप्रथम विदेश मंत्रालय और फिर वहां स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करते हैं। स्वयं कानून को हाथ में नहीं लेते। राजधानी दिल्ली में रहने वाले कुछ अफ्रीकी लोगों को ब्लैक डॉलर के नाम पर ठगी, ड्रग्स के धंधे में लिप्त पाया गया है। इस पर पुलिस को शिकायत की गई और वह अपना काम कर रही है। अफ्रीकी छात्रों से मारपीट किया जाना, छात्राओं से बदतमीजी करना और किसी की जान ले लेना हद पार करने वाली बात है। उनके शरीर का रंग,बनावट और वेशभूषा पर किसी प्रकार की टिप्पणी करना उनके लिए भी असहनीय हो जाता है।

जो इन विदेशी मेहमानों के साथ आपत्तिजनक व्यवहार कर रहे हैं, जाहिर है कि किसी के उकसावे पर ऐसा करते हैं अथवा उनमें सहनशीलता की कमी है। विदेश में भारतीय नस्लवाद का शिकार बनते हैं। किसी भारतीय का नाम नस्लवादी टिप्पणी करने में आने का विरला की कोई मामला होगा। अत: ऐसे लोगों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जरुरत है, ताकि वह अन्य लोगों के लिए नजीर बने। इसके बाद हर कोई विदेशी छात्र, विशेषतौर अफ्रीका के लोगों से व्यवहार करते समय अपना नजरिया बदलेगा और संजीदगी बरतेगा। इसी पहल पर ऐसे मामले शांत हो जाएंगे।

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