Edited By Harman Kaur,Updated: 22 Jul, 2024 06:28 PM
शानदार नौकरी और अच्छी खासी सैलरी के बाद भी बेंगलुरु की सड़कों पर ऑटो चला रहे हैं इंजीनियर वेंक्टेश गुप्ता। ये सुनकर हर कोई चौंक जाता है। ये काम वे अपने साप्ताहिक अवकाश में करते हैं। माइक्रोसॉफ्ट में इंजीनियर होने के बाद भी वह आखिर ऑटो क्यों चला रहे...
नेशनल डेस्क: शानदार नौकरी और अच्छी खासी सैलरी के बाद भी बेंगलुरु की सड़कों पर ऑटो चला रहे हैं वेंक्टेश गुप्ता। ये काम वे अपने साप्ताहिक अवकाश में करते हैं। ये सुनकर हर कोई चौंक जाता है कि माइक्रोसॉफ्ट में इंजीनियर होने के बाद भी वह आखिर ऑटो क्यों चला रहे हैं? इसकी वजह कोई कर्ज या पैसे से प्यार नहीं है, बल्कि अकेलापन है। जी हां सिर्फ और सिर्फ अकेलापन है।
आधुनिक जीवनशैली ने मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा असर डाला है, जिसमें अकेलापन एक महत्वपूर्ण कारक है। विशेषज्ञों का कहना है कि अकेलेपन महसूस करने वालों के शरीर पर सिगरेट पीने के बराबर नुकसान पहुंचता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि, दुनियाभर में एक बड़ी संख्या में लोग तन्हाई का शिकार हैं। यहां तक कि 10 प्रतिशत किशोर उम्र के बच्चे और 25 प्रतिशत अन्य लोग भी अकेलेपन की गिरफ्त में हैं।
वैश्विक स्तर पर एक रिपोर्ट दर्शाती है कि बहुत से लोग अकेलापन का शिकार हैं। इससे न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। यहां तक कि युवा और वयस्कों में भी इसका प्रभाव है। अकेलापन के कारण हार्ट अटैक, मोटापा, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्याएं अकेलेपन के अलावा जीवन में स्थाई सुख-शांति की कमी से भी उत्पन्न हो सकती हैं। वैद्यकीय मान्यताओं के अनुसार, अकेलापन महसूस होने पर इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसका समय रहते इलाज कराना बेहद आवश्यक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अकेलापन का एक समाधान है सकारात्मक सोच और संजीवनी करण कार्रवाई। नए लोगों के साथ मिलकर दोस्ती करें, पसंदीदा जगहों की यात्रा करें, और नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार का पालन करें। समझा जाता है कि समाज में इज्जत मिलने पर भी अकेलापन का अहसास हो सकता है, इसलिए समाज के नियमों को समझना और उनका पालन करना भी जरूरी है। धूम्रपान, शराब, तेज भोजन और अन्य विशेष खाद्य पदार्थों से बचें। ये सभी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। अकेलापन का खतरा कम करने के लिए हम सबको साथ मिलकर काम करना होगा।