Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Feb, 2019 04:37 PM
दुनियाभर में जल संकट की समस्या बढ़ती जा रही है और इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत में दिख रहा है। नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि दिल्ली में यह संकट सबसे तेजी से बढ़ रहा है
नेशनल डेस्कः दुनियाभर में जल संकट की समस्या बढ़ती जा रही है और इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत में दिख रहा है। नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि दिल्ली में यह संकट सबसे तेजी से बढ़ रहा है और दिनों-दिन और भी ज्यादा गंभीर होता जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से लेकर, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 32 क्यूबिक किलोमीटर पानी हर साल खत्म हो रहा है जो सामान्य से कहीं ज्यादा है। रिसर्च के मुताबिक इसका कुछ ही हिस्सा मानसून सीजन में रिकवर हो पाता है।
NGRI के निदेशक वीरेंद्र एम तिवारी ने कहा कि हमें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है कि इस क्षेत्र में कितना भूजल बचा हुआ है, लेकिन यह बात साफ है कि स्थिति बेहद खराब है। पिछले साल नीति आयोग की एक रिपोर्ट के आई जिसमें रहा गया था कि दिल्ली में साल 2020 तक ही भूजल समाप्त हो सकता है। तिवारी ने कहा कि राजधानी में जनसंख्या बढ़ने और पानी की बढ़ती मांग के कारण इस क्षेत्र में भूजल तेजी से कम हो रहा है। भूजल में कमी के चलते इन सबसे अहम और चिंता की बात ये है कि इस तरह की कई पर्यावरणीय समस्याओं का केंद्र दिल्ली है। पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं, मिट्टी खराब हो रही है, इसका मानव जाति और प्रकृति पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है।