Edited By Yaspal,Updated: 02 Oct, 2018 07:13 PM
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि नवंबर और दिसंबर महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। त्योहारी मौसम की मांग और सरकार के कर अपवंचना रोधी उपायों से...
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि नवंबर और दिसंबर महीने में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। त्योहारी मौसम की मांग और सरकार के कर अपवंचना रोधी उपायों से जीएसटी संग्रह बढऩे की उम्मीद की जा रही है। सितंबर महीने में जीएसटी राजस्व बढ़कर 94,442 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। अधिकारियों का कहना है कि त्योहारी मौसम में मांग बढऩे से यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये को पार कर सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मौजूदा रुख को देखते हुए उम्मीद है कि जीएसटी का मासिक संग्रह आंकड़ा नवंबर और दिसंबर के दौरान एक लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। नवंबर और दिसंबर के जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में अक्टूबर और नवंबर में की गई खरीद बिक्री के आंकड़े दिखेंगे। अधिकारी के अनुसार आमतौर पर लोग गणेश चतुर्थी तक अपनी खरीद टालते हैं। इससे त्योहारी मौसम की शुरुआत होती है। इसके अलावा राजस्व विभाग के कर अपवंचना रोकने के उपायों से राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।
लक्ष्मीकुमारन एंड श्रीधरन के भागीदार एल बद्री नारायण ने कहा, ‘‘त्योहारी सीजन की मांग से जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। यह वह समय होता है जबकि लोग खरीदारी करते हैं और कंपनियां छूट और अन्य पेशकशें देती हैं। हमें उम्मीद है कि बिक्री बढऩे से सरकार को ऊंचा राजस्व मिलेगा।’’ एएमआरजी एण्ड एसोसियेटस पार्टनर रजत मोहन ने भी कहा कि त्यौहारों और शादी-ब्याह का समय शुरू होने से कुल मिलाकर मांग बढेगी और जीएसटी संग्रह बढ़ेगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने हालांकि त्यौहारी मौसम निकलने के बाद राजस्व में कमी की आशंका जताई है। उनके मुताबिक वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में खरीद- बिक्री सुस्त पड़ जाती है।