Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 01:32 PM
जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार दो वर्षीय मासूम प्रियांशी आंशिक दिव्यांग हो गई। अब परिवार आर्थिक समस्या से जूझ रहा है। बच्ची की देखभाल और उसकी लाचारी ने मां-बाप को तोड़कर रख दिया है। पिता सुरेंद्र वर्मा एक निजी कंपनी में काम कर रहे...
नई दिल्ली: जीटीबी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार दो वर्षीय मासूम प्रियांशी आंशिक दिव्यांग हो गई। अब परिवार आर्थिक समस्या से जूझ रहा है। बच्ची की देखभाल और उसकी लाचारी ने मां-बाप को तोड़कर रख दिया है। पिता सुरेंद्र वर्मा एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। मगर मासूम की ऐसी स्थिति में आने के बाद उसकी देखभाल के लिए पिता को अपनी नौकरी छोडऩी पड़ गई।
बेटी की हालत को देखकर स्तब्ध है मां
बच्ची की मां भी अपनी बेटी की हालत को देखकर स्तब्ध है। दोनों उस घड़ी को कोस रहे हैं जब वह उसे जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। मासूम के पिता के मुताबिक यह घटना अस्पताल की विश्वसनीयता पर गहरी चोट है। उन्होंने कहा कि एक झटके मेें उनका खुशहाल परिवार भारी परेशानी की चपेट में आ गया है। अब आर्थिक परेशानी का तो सामना करना ही होगा। साथ ही बच्ची के भविष्य को लेकर भी गहरी चिंता की स्थिति उभर आई है। पिता का कहना है कि जहां समाज में लड़की की शादी से पहले बड़ी गंभीरता से रूप, रंग और कद पर विचार किया जाता है। उस समाज में दिव्यांग हो चुकी बच्ची की शादी तक करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी।