Edited By Anil dev,Updated: 10 Nov, 2018 05:08 PM
दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर गुजरात के नर्मदा जिले में केवडिय़ा के निकट साधु बेट पर स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमडऩे का सिलसिला आज भी जारी रहा।
केवडिया: दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर गुजरात के नर्मदा जिले में केवडिय़ा के निकट साधु बेट पर स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमडऩे का सिलसिला आज भी जारी रहा। गत 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अनावृत इस विशाल प्रतिमा को गत एक नवंबर से कल तक लगभग 75 हजार लोग देख चुके थे और इसके चलते टिकटों की बिक्री से इसका देखरेख करने वाली संस्था सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट को पौने दो करोड़ रूपए की कमाई हो चुकी थी। आज सुबह से भी भारी भीड़ जुटी।
भीड़ के कारण आज भी सभी प्रमुख स्थलों पर पुलिस की तैनाती थी। यहां शहर से लेकर आठ से दस किलोमीटर लंबा जाम लगने पर एसपी महेंद्र बगडिया ने खुद ही इसे व्यवस्थित करने की कमान संभाली। केवल श्रेष्ठ भारत भवन के नियत पार्किंग स्थल की बजाय पूरे शहर में पार्किंग की छूट दी गयी। ज्ञातव्य है कि इस मूर्ति में हृदय के स्थान पर आधार से लगभग 153 मीटर की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी पर एक दिन में अधिकतम 5000 लोग ही जा सकते हैं पर पिछले दो दिन से इससे अधिक लोगों को वहां ले जाया जा रहा है। बड़ी संख्या में प्रवासी इसे देखने से भी वंचित रह जा रहे हैं। कल करीब साढ़े 23 हजार पर्यटक यहां पहुंचे थे। आज यह आंकड़ा भी पार कर जाने की उम्मीद है। दीवाली और गुजराती नववर्ष की छुट्टियों के कारण भी यहां अधिक भीड़ हो रही है।
पर्यटकों के वाहन को यहां रोक दिया जाता है और उन्हें विशेष बसों में यहां से लगभग साढ़े तीन किमी दूर स्थित मूर्ति और अन्य संबंधित स्थलों को दिखाया जाता है। करीब ढाई हजार करोड़ की लागत से 33 माह में तैयार इस प्रतिमा के पास प्रतिदिन अधिकतम 15000 पर्यटकों के पहुंचने का शुरूआती अनुमान लगाया गया था। यहां से चलने वाली बस में पर्यटकों से 30 रूपए प्रति व्यक्ति और मूर्ति के ऊपर व्यूइंग गैलरी तक जाने के लिए प्रति व्यस्क 350 और बच्चों के लिए 200 रूपए जबकि स्टेच्यू के केवल पांव तक जाने के लिए 120 और 60 रूपए लिए जा रहे हैं। इसे हर सोमवार को मेंटेनेंस के लिए बंद रखा जाता है।