गुजरात विस अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक भगवान बारड़ की अयोग्यता समाप्त की

Edited By shukdev,Updated: 06 Nov, 2019 05:36 PM

gujarat vic president ends disqualification of congress mla bhagwan bara

गुजरात में तलाला विधानसभा क्षेत्र के अयोग्य ठहराये गए कांग्रेस विधायक भगवान बारड़ को बड़ी राहत देते हुए विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने उनकी अयोग्यता समाप्त कर दी। त्रिवेदी ने बताया कि एक निचली अदालत की ओर से बारड को दी गई सजा पर गत जुलाई माह...

गांधीनगर: गुजरात में तलाला विधानसभा क्षेत्र के अयोग्य ठहराये गए कांग्रेस विधायक भगवान बारड़ को बड़ी राहत देते हुए विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने उनकी अयोग्यता समाप्त कर दी। त्रिवेदी ने बताया कि एक निचली अदालत की ओर से बारड को दी गई सजा पर गत जुलाई माह में हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में राज्य कानून विभाग से राय मांगी थी। उन्होंने बारड़ की अयोग्यता समाप्त कर दी। दो साल से अधिक की सजा होने पर भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून की जिस धारा के तहत उन्हेें अयोग्य ठहराया गया था अब उसी के तहत उनकी अयोग्यता वापस ली गयी है क्योंकि अदालत ने सजा पर ही रोक लगा दी है।

ज्ञातव्य है कि बारड़ को उनके गृह जिले गिर सोमनाथ के सूत्रापाड़ा शहर की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने गत एक मार्च को एक दशक से भी अधिक पुराने खनिज (चूना पत्थर) चोरी के एक मामले में दो साल नौ माह की जेल की सजा सुनाई थी हालांकि उन्हें जमानत मिल गई थी पर दो साल से अधिक की सजा होने के कारण पांच मार्च को विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने उनके विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था। उन्होंने उक्त अदालत की सजा पर रोक के लिए पहले सात मार्च को वेरावल की सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उसने इस पर रोक लगा दी थी। पर बाद में 24 अप्रैल को हाई कोर्ट की एक अन्य जज न्यायमूर्ति सोनिया गोकाणी ने इस आधार पर कि रोक के लिए आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया था, उसे रद्द कर बारड़ को दोबारा सत्र अदालत में जाने को कहा था। 

इसके बाद सत्र अदालत ने दो बार उनकी ऐसी अर्जी खारिज की थी। गत तीन जुलाई को अंतिम बार ऐसा होने के बाद नौ जुलाई को बारड़ ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति एस एच वोरा की अदालत ने दस जुलाई को उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए अपील की सुनवाई तक सजा पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। बारड़ के वकील हृदय बुच ने दावा किया था कि सजा पर रोक के साथ ही उनके मुवक्किल की अयोग्यता भी कानूनन तत्काल समाप्त हो गई थी।  

ज्ञातव्य है कि बारड़ को अयोग्य ठहराने के बाद चुनाव आयोग ने गत 23 अप्रैल को ही तलाला सीट पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी पर इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में बारड समेत तीन सदस्य अलग अलग कारणों से अयोग्य घोषित थे जिनमें से दो भाजपा के पभुबा माणेक और निर्दलीय भूपेन्द्र खांट का मामला अब भी अदालत में विचाराधीन है। 180 मौजूदा सदस्यों में से भाजपा के 103 और कांग्रेस के अब 73 हो गए हैं। 

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