गुर्जर आंदोलन चौथे दिन भी जारी, कई ट्रेनें लेट तो कईयों को करना पड़ा डायवर्ट

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Feb, 2019 03:55 PM

gujjar agitation continues for fourth day

राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन सोमवार को चौथे दिन भी जारी है। गुर्जर नेता मुंबई-पुणे रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिसके चलते कई प्रमुख ट्रेन रद्द कर दी गई हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है।

जयपुरः राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन सोमवार को चौथे दिन भी जारी है। गुर्जर नेता मुंबई-पुणे रेल मार्ग पर पटरियों पर बैठे हैं जिसके चलते कई प्रमुख ट्रेन रद्द कर दी गई हैं या उनके मार्ग में बदलाव किया गया है। राज्य में कई सड़क मार्ग भी बंद हैं। गुर्जर नेता विजय बैंसला ने सोमवार को एक बार फिर दोहराया कि सरकार को वार्ता के लिए मलारना डूंगर में रेल पटरी पर ही आना होगा और आंदोलनकारी वार्ता के लिए कहीं नहीं जाएंगे। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला व पूरी टीम बैठकर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि बातचीत क्या करनी है? सरकार पांच प्रतिशत आरक्षण की हमारी मांग पूरी करे और हम घर चले जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मांग नहीं माने जाने पर गुर्जर लंबे आंदोलन के लिए तैयार हैं।
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वहीं पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एम.एल. लाठर ने बताया कि आंदोलन के दौरान कहीं से अप्रिय घटना का कोई समाचार नहीं है। रविवार को कुछ हुड़दंगियों ने धौलपुर में पुलिस के तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और हवा में गोलियां चलाईं थीं। लाठर ने बताया कि आंदोलनकारियों ने दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 को अवरूद्ध कर दिया है। इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरूद्ध है। उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए।
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गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके समर्थक यहीं जमे हैं। आंदोलनकारियों और सरकारी प्रतिमंडल में शनिवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद रविवार को दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि सरकार के स्तर पर वार्ता के द्वार खुले हैं और आंदोलनकारियों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है। वर्तमान में अन्‍य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्‍त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है।

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