गुजरात चुनाव-निर्णायक भूमिका में रहेगा एसी व एसटी वोट बैंक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 07:13 PM

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जिग्नेश और अल्पेश ठाकोर की सक्रियता के बाद गुजरात विधानसभा के चुनाव का गणित सीधा एससी और एसटी वोट पर ही केंद्रीत हो गया है। यह समुदाय सामान्य वोटर के मुकाबले मतदान के दौरान अधिक सक्रिय रहता है। 2012 के मतदान के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि  एससी और...


नेशनल डेस्क: जिग्नेश और अल्पेश ठाकोर की सक्रियता के बाद गुजरात विधानसभा के चुनाव का गणित सीधा एससी और एसटी वोट पर ही केंद्रीत हो गया है। यह समुदाय सामान्य वोटर के मुकाबले मतदान के दौरान अधिक सक्रिय रहता है। 2012 के मतदान के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि  एससी और एसटी सीटों पर सामान्य सीटों के मुकाबले अधिकतर मतदान हुआ है। पिछले चुनाव के दौरान गुजरात में करीब 4 करोड़ वोटर थे, जिनमे से करीब 2 करोड़ 70 लाख वोट पोल हुए थे। यह कुल मतदान का 71.50 प्रतिशत था। इसके के अनुपात में एससी और एसटी  सीटों पर 75 प्रतिशत मतदान हुआ। गुजरात में कुल 13 एससी और 26 एसटी सीटें हैं जिन पर 2012 में 80 लाख वोटर थे इनमे से करीब 60 लाख वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इन सीटों पर हुआ मतदान कुल मतदान  करीब 22 फीसदी रहा था। जिग्नेश और अल्पेश ठाकोर की सक्रियता के चलते अब इन सीटों पर फोकस बढ़ गया है। भाजपा के लिए परेशानी का एक कारण यह भी है कि 2014 की सुनामी के बीच भी कांग्रेस ने 7 एसटी सीटों पर बढ़त हासिल कर ली। 

ये हैं एससी सीटें
1-बरडोली
2-गांधीधाम 
3- वडग़म 
4-कादी
5-इदर
6-धानीलिंडा
7-असरवा
8-दासडा
9-राजकोट रूरल
10-काढावाद
11-कादीनार
12-गधाड़ा
13-वड़ोदरा सिटी

ये हैं एसटी सीट
1- मोरवा हदाफ
2- संतरामपुर
3- फतेहपुरा
4- झालोद
5- नीमखेड़ा
6- दाहोद
7- गरबादा
8- जेतपुरा
9- सांखेड़ा
10- नांदोड
11- देदियापाडा
12- झागडिया
13- मंगरोल
14- मांडवी
15- मधुवा
16- व्यारा
17- नीजार
18- गांदेवी
19- दांग्स
20- बांसडा
21- धरमपुर
22-कापराडा
23-उंबेरगांव
24-दांता
25-खेदब्रम्हा
26-भीलोढ़ा

पाटिदार में कितना है दम
वर्ष 2002 से लेकर 2012 तक हुए गुजरात विधान सभा चुनाव में पाटिदार (पटेल) समुदाय दो दशकों से बीजेपी का पक्का वोटर था। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में साल 2015 में पाटीदारों ने आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले आंदोलन में करीब 8 लाख लोग शामिल हुए थे। इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था। आदोलन की उग्रता को देखकर पीएम मोदी को शांति-व्यवस्था की अपील करनी पड़ी थी। राज्य में पटेल सीएम और मंत्रिमंडल कई अहम पदों पर पटेलों के होने के बावजूद बीजेपी सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन से इस चर्चा को बल मिला की बीजेपी के वफादार वोटर माने जाने वाले पटेल उससे दूर भी जा सकते हैं। हार्दिक पटेल अभी भी बीजेपी के खिलाफ काफी सक्रिय हैं। मुसलमान, दलित और पटेल वोटर अगर सचमुत बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो गये तो पार्टी को आगामी चुनाव में बड़ी मुश्किल हो सकती है। गुजरात में विधानसभा की कुल 82 सीटों में से 70 पर पटेल समुदाय का प्रभाव है। गुजरात में पटेल समुदाय करीब 20 फीसदी है। जो सत्ता बनाने और बिगाडऩे की ताकत रखता है। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है। पिछले दो दशक से राज्य का पटेल समुदाय बीजेपी का परम्परागत वोटर रहा है, जो फिलहाल नाराज माना जा रहा है. इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में से सौराष्ट्र की 11 में से 8 पर कांग्रेस विजयी रही और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
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चुनाव--2002
पार्टी--सीट-----कुल वोट  -- वोट प्रतिशत
बीजेपी--127-- 10194353 --49.83 प्रतिशत 
कांग्रेस--51--- 8033104  -- 39.28 प्रतिशत
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चुनाव--2007
पार्टी--सीट-----कुल वोट  -- वोट प्रतिशत
बीजेपी--117-- 10739972 --49.12 प्रतिशत 
कांग्रेस--59--- 8309449  -- 38.00 प्रतिशत
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चुनाव--2012
पार्टी--सीट-----कुल वोट  -- वोट प्रतिशत
बीजेपी--115-- 13119579 -- 47.45 प्रतिशत 
कांग्रेस--61--- 10674767  --38.43 प्रतिशत
 

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