Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Sep, 2019 07:36 AM
शास्त्र कहते हैं प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। आज गुरुवार है इसलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। इस दिन मनोकामनाएं बहुत जल्दी पूरी होती हैं। यहां तक की उम्मीद छोड़ चुके
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शास्त्र कहते हैं प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। आज गुरुवार है इसलिए इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। इस दिन मनोकामनाएं बहुत जल्दी पूरी होती हैं। यहां तक की उम्मीद छोड़ चुके काम में भी सफलता मिलती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा शाम को सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक होती है। चारों दिशाओं से सफलता प्राप्त करने के लिए करें ये उपाय। गुरु प्रदोष पर नहाने के पानी में केसर अथवा केवड़े का इत्र डालकर स्नान करें। पीले रंग के कपड़े पहनें। श्री हरि विष्णु को पीले रंग के फूल चढ़ाकर, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
अपने बच्चों को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए गुरु प्रदोष का व्रत करें। उन्हें बुरी आदतों से छुड़ाने और आज्ञाकारी बनाने के लिए ये उपाय करें। गुरुवार को सुबह पीतल के पात्र में हल्दी, गुड़ और चने की दाल भरें। केले के पेड़ की जड़ पर चढ़ाएं, साथ में गाय के घी का दीपक लगाएं। फिर वहीं बैठकर बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करें। घर वापिस आने से पहले केले के पेड़ की जड़ से मिट्टी लें। घर आकर उसे अपने बच्चों के ललाट पर तिलक करें।
आज इन चीजों का करें दान-
जरूरतमंद कन्या की शादी में फूड स्टफ का दान करें।
गरीबों में पीले रंग के फलों और वस्त्रों का दान करें।
इसके अतिरिक्त चने की दाल, हल्दी और गुड़ का दान करें।