श्रद्धाभाव से मनाया गया गुरुपूर्णिमा का पर्व

Edited By Monika Jamwal,Updated: 24 Jul, 2021 08:39 PM

guru purnima celebrated in jammu kashmir

गुरुपूर्णिमा का पर्व आज श्रद्धाभाव से मनाया गया। जिले में जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए जिनमें लोगों ने गुरूओं को नमन किया।

साम्बा :गुरुपूर्णिमा का पर्व आज श्रद्धाभाव से मनाया गया। जिले में जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए जिनमें लोगों ने गुरूओं को नमन किया। सनद रहे कि आज गुरु पूर्णिमा का महान पर्व है। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसा मौके पर आज साहिब बंदगी संत आश्रम रांजड़ी में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया।  गुरु पूर्णिमा एक विशेष पर्व है जिसमें साधक गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।  


    आमतौर पर इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें हजारों भक्त गुरु मधु परमहंस के आशीर्वाद के लिए रांजड़ी आश्रम आते हैं, लेकिन इस वर्ष यह उत्सव कोविड -19 महामारी प्रतिबंधों के कारण केवल ऑनलाइन माध्यम से ही मनाया गया। इस अवसर पर एक विशेष ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से लाखों अनुयायी शामिल हुए।


आध्यात्मिक प्रवचन के दौरान, साहिब जी ने जीवन में आध्यात्मिक गुरु के महत्व के बारे में बात की।  उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के सभी पवित्र धर्म ग्रंथ और शास्त्र गुरु के महत्व तथा गुरु और शिष्य के बीच के असाधारण बंधन को निर्धारित करते हैं। जीवन के हर छोटे से छोटे क्षेत्र में हमें गुरु की आवश्यकता पड़ती है। शिष्य के जीवन में गुरु का बड़ा महातम है।


    गु कहिये अंधकार को, रु से भया प्रकाश।
अंधकार को मेट के, गुरु हृदय करे प्रकाश, गुरु नाम है तास।।

    'गुरु' शब्द दो शब्दों- गु और रु से बना है।  संस्कृत शब्द "गु" का अर्थ अंधकार या अज्ञान है, और "रु" उस अंधकार को दूर करने का प्रतीक है। इस प्रकार एक गुरु वह है जो चेतना से अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। साहिब जी ने विस्तार से बताया कि मोक्ष (मोक्ष) तभी संभव हो सकता है, जब विभिन्न दोषों काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि को नियंत्रित किया जाए। इस संसार सागर में केवल सतगुरु ही शिष्य को मोक्ष प्रदान कर सदा सदा के लिए इस भवसागर से पार करता है, जिसके बाद जीव जन्म मरण के चक्र से सदा सदा के लिए मुक्त हो जाता है।    


    वहीं आज गुरुपूर्णिमा के शुभ अवसर पर सनोत्रा बिरादरी द्वारा रामगढ़ में कुलदेव बावा कालीवीर और राजा मंडलीक जी की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मूर्ति स्थापना के दौरान बावा सिद्ध गोरिया मठ के महंत बावा भोला नाथ जी मुख्य रूप से उपस्थित थे। इसके साथ ही डीडीसी अध्यक्ष केशव दत्त शर्मा, भाजपा वरिष्ठ नेता जय राम शर्मा, भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष डॉ पंकज भगत भी मंदिर में नतमस्तक हुए।


    राड़ा स्थित देवस्थान पर भी श्रद्धालू पहुंचे और महंत रतननाथ के समक्ष नतमस्तक हुए। 
 

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