Edited By Anil dev,Updated: 13 Jun, 2020 06:14 PM
हावत है कि नाम में क्या रखा है?, लेकिन जब बात कोरोना वायरस महामारी से जुड़ी हो तो नाम भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। असम के दरंग जिले में अधिकारियों को यह बात तब समझ में आई जब नाम में समानता की वजह से ठीक हुए मरीज की जगह गलती से संक्रमित मरीज को ही...
गुवाहाटी: कहावत है कि नाम में क्या रखा है?, लेकिन जब बात कोरोना वायरस महामारी से जुड़ी हो तो नाम भी बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। असम के दरंग जिले में अधिकारियों को यह बात तब समझ में आई जब नाम में समानता की वजह से ठीक हुए मरीज की जगह गलती से संक्रमित मरीज को ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि यह घटना दो दिन पहले की है जब मंगलडोई सरकारी अस्पताल में अधिकारी ठीक हो चुके 14 मरीजों को छुट्टी देने के लिये उनके नाम पुकार रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने जैसा नाम सुनकर कोविड-19 संक्रमित एक मरीज आगे आ गया जबकि वास्तव में बीमारी से ठीक उसी के गांव दलगांव सियालमारी से दूसरा व्यक्ति हुआ था।
उन्होंने बताया कि इसके बाद गलती से उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल कर्मियों को जल्द ही अपनी गलती का अहसास हो गया और उसी रात संक्रमित व्यक्ति को वापस अस्पताल लाने के लिये एंबुलेंस भेजी गई। उन्होंने कहा कि संयोग से शुक्रवार को हुई कोविड-19 जांच में उस व्यक्ति में भी संक्रमण नहीं मिला जिसके बाद उसे भी उस व्यक्ति के साथ ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जिसकी जगह वह गलती से चला गया था।
अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि मिलते-जुलते नाम की वजह से और मरीजों के चेहरे मास्क से ढके होने की वजह से यह गलती हुई। दरंग के उपायुक्त दिलीप कुमार बोरा ने इस घटना की जांच के आदेश दिये हैं और गलती से अस्पताल से छुट्टी पाने वाले व्यक्ति के घर को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया है। उसके परिवार के सदस्यों के नमूने संक्रमण की जांच के लिये भेजे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि असम में अब तक संक्रमण के 3600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 2000 से ज्यादा मरीजों का अभी इलाज चल रहा है।