Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Apr, 2020 01:03 PM
कोरोना के खिलाप जंग लड़ रहे ऐसे कई कर्मवीर हैं जो अपने परिवार से ज्यादा अपनी ड्यूटी और फर्ज को प्रातमिकता दे रहे हैं। ऐसा ही एक कोरोना योद्धा है ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) की आयुक्त जी श्रीजना। कोरोना के बीच श्रीजना सही मायनों में एक...
नेशनल डेस्कः कोरोना के खिलाप जंग लड़ रहे ऐसे कई कर्मवीर हैं जो अपने परिवार से ज्यादा अपनी ड्यूटी और फर्ज को प्रातमिकता दे रहे हैं। ऐसा ही एक कोरोना योद्धा है ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) की आयुक्त जी श्रीजना। कोरोना के बीच श्रीजना सही मायनों में एक फ्रंटलाइन वारियर बन गई हैं। श्रीजना अपनी डिलीवरी के 22 दिनों बाद ही ड्यूटी पर लौट आई हैं। श्रीजना अपने छोटे बच्चे के साथ काम कैसे मैनेज कर रही हैं तो इस पर उन्होंने बताया कि उनके पति और मां इसमें उनका पूरा साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि वह हर चार घंटे बाद अपने घर जाती हैं ताकि अपने नवजात को दूध पिला सकें और इसके बाद काम पर लौट आती हैं।
श्रीजना ने कहा कि देश पर आए इस संकट के दौरान काम पर रहने के महत्व को वो अच्छे से समझती हैं और इसलिए काम पर लौटी हैं। उन्होंने कि इस मुश्किल समय में आपातकालीन सेवाओं की कितनी आवश्यकता है यह सब जानते हैं ऐसे में आराम करना सही नहीं था। श्रीजना ने बताया कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है कि मैदानी स्तर पर सेनेटरी का काम हो और गरीबों के लिए जरूरी आवश्यकताओं को प्रदान करना व जिला अधिकारियों के साथ सभी स्तरों पर समन्वय बनाना आदि सभी बातों का ध्यान रखा जा रहा है ताकि वायरस को विशाखापत्तनम में ही रोका जाए। श्रीजना ने कहा कि मेरे ड्यूटी पर लौटने पर सबसे पहला काम था लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना।