Edited By Mahima,Updated: 12 Aug, 2024 03:44 PM
हाल ही में वाणिज्यिक एयरलाइंस के संचालन में एक नई समस्या उभरकर सामने आई है, जिसमें हैकिंग के माध्यम से विमानों की घड़ियों का समय बदलने की घटनाओं में 400% तक की वृद्धि देखी गई है।
नेशनल डेस्क: हाल ही में वाणिज्यिक एयरलाइंस के संचालन में एक नई समस्या उभरकर सामने आई है, जिसमें हैकिंग के माध्यम से विमानों की घड़ियों का समय बदलने की घटनाओं में 400% तक की वृद्धि देखी गई है। यह डिजिटल हमला, जिसे जीपीएस स्पूफिंग के नाम से जाना जाता है, विमानों के मार्ग को प्रभावित कर सकता है और हवाई यातायात सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता है।
ब्रिटिश साइबर सुरक्षा फर्म पेन टेस्ट पार्टनर्स के संस्थापक केन मुनरो ने हाल ही में लास वेगास में आयोजित हैकिंग सम्मेलन में इस बात का खुलासा किया कि जीपीएस सिग्नल केवल विमानों की स्थिति को ट्रैक करने के लिए नहीं, बल्कि समय को सटीक बनाए रखने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं। मुनरो के अनुसार, जीपीएस सिग्नल में हेर-फेर कर समय को बदलना अब संभव हो गया है, जिससे विमानों की घड़ियाँ अजीब तरह से समय दिखाने लगती हैं। इस प्रकार के हैकिंग हमलों से विमान की एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली ठप हो सकती है और विमान कई हफ्तों तक उड़ान नहीं भर सकता है।
एक हालिया घटना में, एक एयरलाइन के विमान की घड़ियाँ अचानक वर्षों आगे का समय दिखाने लगीं, जिससे विमान की जमीनी प्रणालियों में गड़बड़ी उत्पन्न हुई और विमान निर्धारित उड़ान पथ से भटक गया। इससे हवाई यातायात नियंत्रकों को भ्रमित करने के साथ-साथ हवा में टकराव की आशंका भी बढ़ गई। सस्ते और आसानी से उपलब्ध उपकरणों के माध्यम से जीपीएस सिग्नल को ब्लॉक या विकृत करना अब सरल हो गया है। इस तकनीकी कमजोरी का फायदा उठाकर संघर्ष क्षेत्रों के आसपास ड्रोन या मिसाइलों को गलत दिशा में भेजा जा सकता है, जिससे सुरक्षा खतरे और बढ़ जाते हैं।