Edited By Tanuja,Updated: 15 Feb, 2020 11:57 AM
आंतकवाद के पोषक पाकिस्तान की मुंबई हमले के मास्टर माइंड व मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के हक में नई चाल सामने आई ...
पेशावरः मुंबई हमले के मास्टर माइंड व मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद की रिहाई को लेकर आंतकवाद के पोषक पाकिस्तान की चाल बेनकाब हो गई है। सूत्रों ने बताया है कि हाफिज को गिरफ्तारी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आंखों में धूल झोंकने के लिए की गई है और इसमें जानबूझकर ऐसी खामियां छोड़ी गईं, जिससे वह कभी भी रिहा हो सकता है। माना जा रहा है कि FATF की सुनवाई के बाद हाफिज जेल से बाहर आ जाएगा । मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के वकील ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट का रूख करेंगे।
पाकिस्तान अखबार डॉन के अनुसार सईद के वकील का तर्क है कि सईद को FATF की मीटिंग से पहले इसके दबाव में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा उसे गिरफ्तार करने का कोई और कारण नहीं है। डॉन के अनुसार विदेश के अलावा लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा ने अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है। जमात-उद-दावा के नेतृत्व वाले लश्कर ने अफगान तालिबान और अलकायदा के साथ-साथ पंजाबी तालिबान में विकसित होने वाले तत्वों के साथ संबंध बनाए रखे हैं।
पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों पर मुकदमा चलाए जाने के बाद भी इनके नेता और कैडर नियमित रूप से काम करते हैं, जो सईद के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल खड़ा करती है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सेना इन आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण और धन मुहैया कराना जारी रखती है और अपने पड़ोसियों, भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ इनका इस्तेमाल करती है। इन संगठनों में से कई अवैध ड्रग्स के कारोबार में लगे हुए हैं और अपने कैडरों के लिए भारी राजस्व कमाते हैं।
बता दें कि 16 फरवरी से पेरिस में होने वाली FATF की बैठक यह तय होगा कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को आखिरकार ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए या नहीं। पाकिस्तान सरकार ने जून 2018 में कमियों को दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ काम करने की प्रतिबद्धता जताई। लेकिन अक्टूबर 2019 में इंटर गवर्नमेंटल संगठन की समीक्षा में पाकिस्तान सरकार द्वारा आतंकी वित्तपोषण को दूर करने में कमी का पता चला।