Edited By Radhika,Updated: 29 Jul, 2024 03:34 PM
हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा होती है। इस यात्रा के दौरान हरिद्वार का प्रमुख तीर्थ स्थल गंगा का तट केसरिया रंग से रंग जाता है। यह यात्रा शिवभक्तों द्वारा की जाती है जो गंगा के पानी को अपने कांवड़ में भरकर अपने घरों की ओर लौटते हैं।
नेशनल डेस्क: हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा होती है। इस यात्रा के दौरान हरिद्वार का प्रमुख तीर्थ स्थल गंगा का तट केसरिया रंग से रंग जाता है। यह यात्रा शिवभक्तों द्वारा की जाती है जो गंगा के पानी को अपने कांवड़ में भरकर अपने घरों की ओर लौटते हैं। प्रशासन ने बताया कि अब तक 20लाख से ज्यादा कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल भर चुके हैं।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों, बाजारों, आश्रमों, धर्मशालाओं, होटल आदि सभी जगह पैरों में घुंघरू बांधे बम- बम भोले की जय-जयकार करते केसरिया पहने शिवभक्तों की टोली ही दिखाई दे रही है। हरिद्वार प्रशासन का अनुमान है कि इस बार 5 करोड़ से ज्यादा कांवड़ यात्रियों के आने का अनुमान है।