Edited By shukdev,Updated: 06 Mar, 2020 07:11 PM
उच्चतम न्यायालय ने अपने खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से संबंधित मामले में सुनवाई 15 अप्रैल तक के लिए शुक्रवार को स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई ...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अपने खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से संबंधित मामले में सुनवाई 15 अप्रैल तक के लिए शुक्रवार को स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 15 अप्रैल तक स्थगित कर दी।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पक्ष-विपक्ष में भड़की दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हर्ष मंदर अपने ही भाषण को लेकर पिछली सुनवाई(4 मार्च) के दौरान सवालों के घेरे में आ गए थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को दिल्ली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मंदर के वायरल वीडियो की जानकारी दी थी।
इस बीच न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान हर्ष मंदर की ओर से पेश दुष्यंत दवे ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जो आपत्तिजनक हो। मेहता ने कहा कि हर्ष मंदर की आपत्तिजनक टिप्पणी वाली दूसरी वीडियो भी सामने आई है, जिसकी ट्रांस्क्रिप्ट कॉपी अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर दी गई है। दवे ने कहा कि मंदर के भाषण में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि हर्ष मंदर विदेश में हैं, इसलिए आज उनकी तरफ़ से लिखित जवाब दायर नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि वह सबरीमला मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद इस मामले को 15 अप्रैल को सुनेगा। इस बीच न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को हर्ष मंदर की दूसरी हेट स्पीच को लेकर हलफ़नामा दाखिल करने का निर्देश दिया।