Edited By Yaspal,Updated: 06 Sep, 2020 09:38 PM
राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रसिद्ध हजरत निजामुद्दीन दरगाह को रविवार को जायरीनों के लिए खोल दिया गया। यह दरगाह कोरोना वायरस महामारी के कारण बीते पांच महीने से बंद थी। दरगाह खुलने के बाद सीमित संख्या में लोगों ने सूफी संत की जियारत की। दरगाह की देखभाल...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रसिद्ध हजरत निजामुद्दीन दरगाह को रविवार को जायरीनों के लिए खोल दिया गया। यह दरगाह कोरोना वायरस महामारी के कारण बीते पांच महीने से बंद थी। दरगाह खुलने के बाद सीमित संख्या में लोगों ने सूफी संत की जियारत की। दरगाह की देखभाल करने वालों ने बताया कि दरगाह खुलने के बाद सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया की जियारत करने वालों में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शामिल रहे। उन्होंने बताया कि मंत्री ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए दरगाह की ओर से किए गए उपायों की सराहना की।
दरगाह की देखभाल करने वालों में शामिल नाजिम निजामी ने बताया कि दरगाह परिसर में हजरत निजामुद्दीन औलिया और अमीर खुसरों की कब्रें हैं। इनको प्लास्टिक की शीट से कवर कर दिया गया है ताकि लोग जियारत करते वक्त इन्हें छुए नहीं क्योंकि ऐसा करने से लोगों को संक्रमण लग सकता है। दरगाह के आंगन में भीड़ को जुटने से रोकने के लिए शाम में होने वाली सूफी संत को समर्पित कव्वाली को भी थोड़े वक्त के लिए स्थगित कर दिया गया है।
निजामी ने कहा, "दरगाह खुलने के पहले दिन सीमित संख्या में जायरीन आए और हम उनका अच्छी तरह से प्रबंध कर सके। सुबह में जायरीनों की संख्या ज्यादा थी जो दोपहर में कम हुई लेकिन शाम में फिर बढ़ गई।" उन्होंने बताया कि लोगों ने सेनेटाइजर का इस्तेमाल, मास्क लगाना और एक-दूसरे से दूरी बनाने जैसे विभिन्न सुरक्षा उपायों का पालन किया। दरगाह की देखभाल करने वालों ने बताया कि "अनलॉक" प्रक्रिया के तहत आठ जून से दिल्ली में धार्मिक स्थल खुलने लगे थे, लेकिन कोविड-19 के मामलों के कारण दरगाह बंद थी।