HC ने परमबीर से पूछा- आपके 'बॉस' गलत काम कर रहे थे, आपने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की?

Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Mar, 2021 04:41 PM

hc asked parambir why did not lodge a police complaint against deshmukh

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह से पूछा कि अगर उन्हें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा कथित रूप से गलत काम किए जाने की जानकारी थी तो उन्होंने मंत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई ?...

नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह से पूछा कि अगर उन्हें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा कथित रूप से गलत काम किए जाने की जानकारी थी तो उन्होंने मंत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई ? सिंह ने हाल में दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। मंत्री ने कुछ भी गलत काम करने से इनकार किया है। चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस  जी एस कुलकर्णी की एक खंडपीठ ने परमबीर से पूछा कि उन्होंने पहले पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई ? खंडपीठ ने कहा कि FIR के बिना हाईकोर्ट  हस्तक्षेप नहीं कर सकता या CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी को जांच का निर्देश नहीं दे सकता। 

 

बॉस गलत कर रहा था आप चुप क्यों थे
चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा कि आप (सिंह) एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। आप साधारण आदमी नहीं हैं। गलत काम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना आपकी जिम्मेदारी थी। यह जानने के बावजूद कि आपके ‘बॉस' द्वारा अपराध किया जा रहा है, आप चुप रहे।'' अदालत सिंह द्वारा हाईकोर्ट में 25 मार्च को दाखिल एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी जिसमें देशमुख के खिलाफ CBI जांच कराए जाने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा कि सिंह हाईकोर्ट को मजिस्ट्रेट अदालत में परिवर्तित नहीं कर सकते। अदालत ने कहा कि कार्रवाई का उचित तरीका आपके (सिंह) लिए पहले पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करना होगा। यदि पुलिस FIR दर्ज नहीं करती है, तो आपके पास मजिस्ट्रेट के सामने एक आवेदन दाखिल करने का विकल्प है।'' सिंह के वकील विक्रम नानकानी ने कहा कि उनके मुवक्किल इस ‘‘चक्रव्यूह'' से बचना चाहते थे। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा कि यह कानून में निर्धारित प्रक्रिया है। चीफ जस्टिस दत्ता ने पूछा, ‘‘क्या आप कह रहे हैं कि आप कानून से ऊपर हैं।'' नानकानी ने दलील कि उनके पास हाईकोर्ट जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि शिकायत और आरोप ‘‘राज्य प्रशासन के प्रमुख'' के खिलाफ थे। 

 

बिना FIR के नहीं देंगे आदेश
पीठ ने कहा कि FIR के बिना वह मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने के निर्देश देने संबंधी कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है। चीफ जस्टिस दत्ता ने कहा कि हमारी प्रथम दृष्टया राय यह है कि FIR के बिना, यह अदालत जांच का आदेश नहीं दे सकती।'' महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने याचिका को खारिज किए जाने का अनुरोध किया और दावा किया कि याचिका व्यक्तिगत प्रतिशोध की भावना के साथ दाखिल की गई है। कुंभकोनी ने कहा, ‘‘जनहित में याचिका दायर नहीं की गई है, यह व्यक्तिगत शिकायतों और हितों से युक्त है। याचिकाकर्ता इस अदालत में गंदे हाथों और गंदी सोच के साथ आए है।'' बता दें कि परमबीर सिंह का आरोप है कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्त्रां से प्रतिमाह 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था। उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के निकट एक वाहन में विस्फोटक सामग्री मिली थी और इस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने वाजे को गिरफ्तार किया था।

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